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सुख का उल्टा दुःख पर आनन्द का उल्टा तक नहीं मिला – कथावाचक

मानगो वसुन्धरा स्टेट में पांचवे दिन भागवत कथा में श्रीराम और श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग की चर्चा

जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा स्टेट में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पाचवें दिन गुरूवार को स्वामी वृजनंदन शास्त्री जी महाराज ने अपनी सुमधुरवाणी से श्रीराम और श्रीकृष्ण (नंदोत्सव) का जन्म कथा प्रसंग की चर्चा करते हुए भगवान के कई रूपों की झांकियों का दर्शन कराया और कहा कि गौ सेवा ही गोविंद सेवा हैं। गौ सेवा सबको करनी चाहिए। नंद के घर आनन्द भयो आदि सुंदर शब्दों के साथ आज भक्तों कोे श्रीकृष्ण जन्म का आलौकिक आनन्द मिला। उन्होंने कहा कि गौ, गरीब, असहाय एवं धर्म की रक्षा करने से परमात्मा प्रकट होते हैं। जनहित एवं लोकहित कार्य ईश्वरीय प्रेरणा से होते हैं। अच्छे कर्म अच्छे फल देते हैं। दुःख देने से दुःख और सुख देने से सुख मिलता हैं। शास्त्री ने भक्तों को कथामृत का रसपान कराते हुए आगे कहा कि आनन्द ही ईश्वर हैं। संसार के संसाधनों एवं खाघ पदार्थाे से जो मिलता है, वह सुख हैं, आनन्द नहीं। आनन्द तो केवल ईश्वर के कथा, नाम एवं लीला में हैं। सुख का उल्टा दुःख हो सकता हैं पर आनन्द का उल्टा आज तक नहीं मिला। महाराज ने कहा कि जो भगवान का नाम लेगा और कथा करेगा तो वह भाव सागर से पार हो जायेगा। भगवान को जब-जब भक्त प्रेम से पुकारते हैं भगवान दौड़े चले आते हैं। भक्त प्रहलाद की कथा पर चर्चा करते हुए शास्त्री ने कहा कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त हैं। उसे प्रकट करने के लिए प्रेरणा और गज की तरह पुकार चाहिए। गज ने भगवान को पुकारा, जब सारी दुनिया ने उसका साथ छोड़ दिया। इसी प्रकार मनुष्य को जब दुःख आता हैं तो वह भगवान को पुकारता हैं। भक्तों को आज भी भगवान पर भरोसा हैं। गुरूवार को शहर के गणमान्य दिलीप गोयल, अशोक गोयल, अभय सिंह, शंभूनाथ जायसवाल आदि भगवात कथा में शामिल होकर स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की। मंच संचालन नारायण सेवा संस्थान उदयपुर से आए एंकर जितेंद्र वर्मा द्वारा किया गया। कथा के पाचवें दिन गुरूवार को भी यजमान के रूप में उमाशंकर शर्मा, किरण शर्मा, कृष्णा शर्मा (काली), जय प्रकाश शर्मा, गोविंदा शर्मा, कृपा शंकर शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, रामा शंकर शर्मा, विष्णु शर्मा, रामानंद शर्मा, विश्वनाथ शर्मा समेत काफी संख्या में भक्तगण शामिल थे।

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