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महिलाओं के सम्मान में “सिरजनहारी” कीर्तन दरबार 5 मई को साकची गुरुद्वारा में

केवल बीबीयों द्वारा ही प्रस्तुत किया जायेगा कीर्तन गायन, जमशेदपुर के अलावा बाहर के जत्थे करेंगे संगत को निहाल

जमशेदपुर। गुरुघर में महिलाओं की धार्मिक भागेदारी सुनिश्चित करने तथा उनके धार्मिक ज्ञान को संगत तक पहुंचाने के उद्देश्य से आगामी 5 मई, रविवार को एकदिवसीय “सिरजनहारी” कीर्तन दरबार का आयोजन साकची गुरुद्वारा में किया जायेगा।
इस बाबत “सिरजनहारी” के आयोजनकर्ता गुरदीप सिंह सलूजा ने बताया कि गुरबाणी में लिखा है “….. सो क्यों मंदा आखिये जिन जम्मे राजान” अर्थात उसे बुरा क्यों कहा जाये जिसने सृष्टि का सृजन किया है। सरदार गुरदीप सलूजा ने स्पष्ट किया किया कि एकदिवसीय कीर्तन दरबार के आयोजन में जमशेदपुर के अलावा लुधियाना, मोगा, परबेलिया और धनबाद से बीबियों के जत्थे अलौकिक गुरुबाणी गायन कर तथा कथा विचार कर संगत को निहाल करेंगे। सतीश मुथरेजा ने बताया कि कीर्तन दरबार सुबह सवा नौ बजे से लेकर एक बजे तक जबकि शाम को छह बजे से रात 9:45 बजे तक चलेगा। कीर्तन दरबार में बीबी अमनदीप कौर-लुधियाना, बीबी अमित कौर-धनबाद, बीबी हरप्रीत कौर (वाहेनूर)- मोगा, बीबी प्रभजोत कौर-प्राबेलिया, बीबी रविंदर कौर-जमशेदपुर और बीबी गुरमीत कौर-जमशेदपुर कीर्तन-दरबार में शब्द गायन करेंगी। साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह और महासचिव परमजीत सिंह काले ने संगत से विनती की है कि “सिरजनहारी” कीर्तन दरबार में हाजरी भर कर गुरु घर की खुशियां प्राप्त करें। कीर्तन दरबार में सुबह और शाम गुरु का अटूट लंगर बरताया जाएगा।
इधर, सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी की शहीदी को मुख्य रखते हुए साकची गुरुद्वारा में स्त्री सत्संग सभा, साकची और सुखमणि जत्था द्वारा सुखमणि साहिब का पाठ शुरू किया गया जो की अगले 40 दिनों तक जारी रहेगा।

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