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गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर 17 जनवरी को टेल्को से निकलेगा नगर कीर्तन, तारा सिंह के सुझाव पर अनुचित ग्राही पर लिया गया अहम फैसला

सलाना दो बड़े नगर कीर्तन के अलावा स्थानिक छोटे स्तर पर नगर कीर्तन निकालने पर लगेगी रोक: भगवान सिंह

जमशेदपुर। सिखों के दसवें गुरु दसम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 357वें जन्म दिहाड़े पर टेल्को गुरुद्वारा से भव्य नगरकीर्तन निकाला जायेगा। सीजीपीसी की अन्य सभी गुरुद्वारा प्रतिनिधियों संग की गयी आम बैठक में नगर कीर्तन के आयोजन के अलावा और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। शनिवार को सर्वसम्मति से एक और अहम फैंसले में विभिन्न संस्थाओ द्वारा संगत से अर्जित किये जाने वाले अनुचित ग्राही (दान) पर सीजीपीसी ने नियामवली तय कर स्थानीय गुरुद्वारा कमिटियों के अनुमति के दायरे में ला दिया गया है, जो एक जनवरी से प्रभावी होगा।
साकची स्थित कार्यलय में प्रधान भगवान सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में गोलपहाड़ी और जेम्को गुरुद्वारा कमिटी के प्रतिनिधियों ने भी वहां से नगरकीर्तन निकालने की इच्छा व्यक्त की थी परन्तु टेल्को गुरुद्वारा के समर्थन में चेयरमैन गुरमीत सिंह तोते के प्रस्ताव पर टेल्को से नगरकीर्तन निकालने की परवानगी सबने जयकारे लगा दी। नगर कीर्तन के सफल और भव्य आयोजन को लेकर और भी अन्य निर्णय बैठक में लिए गए।
सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान तारा सिंह के सुझाव पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा अर्जित की जाने वाली ग्राही का एक अहम मुद्दा बनकर कर उभरा। जिस पर निर्णय लेते हुए कहा गया कि सिख नौजवान सभा को छोड़कर किसी अन्य द्वारा ग्राही लेना अनुचित माना जायेगा। यदि किसी संस्था को कोई धार्मिक समागम करना है तो संस्था अपने परिक्षेत्र में ही ग्राही कर सकती है परन्तु उन्हें सर्वप्रथम स्थानीय गुरुद्वारा कमिटी से अनुमति लेने होगी और समागम समाप्ति के बाद कार्यक्रम का पूरा लेखा-जोखा उक्त कमिटी से साझा करना होगा। यदि स्थानीय कमिटी दिए गए आय व्यय के हिसाब से संतुष्ट नहीं होती है को अगली बार से उस समागम पर रोक लगाई जा सकती है। इस फैसले पर भी सभी सदस्यों ने परवानगी की मुहर लगायी।
उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह शेरगिल के सुझाव पर एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए स्थानिक स्तर पर निकलने वाले छोटे नगर कीर्तन पर रोक लगायी गयी है, यह भी एक जनवरी से प्रभावी होगी। इस मुद्दे पर तर्क दिया गया कि सलाना दो बड़े नगर कीर्तन जमशेदपुर में निकाले जाते हैं। इन नगर कीर्तन के अलावा यदा-कदा विशेष समागम होने से अतिरिक्त शोभा यात्रा निकलती है। परन्तु आजकल कुछ सस्थाएं और गुरुद्वारा कमिटियां छोटे स्तर पर शोभा यात्रा निकालती हैं जिसपर अकाली दल, जमशेदपुर ने काफी रोष जताया है। क्योकि इस दौरान गुरु ग्रन्थ साहिब का स्वरुप का सत्कार नहीं हो पाता है जिससे संगत के बीच अच्छा सन्देश नहीं जाता है। सरदार भगवान सिंह, अमरजीत सिंह और सरदार शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि कोई संस्था इस तरह का कोई समागम पर विचार कर रही है तो उन्हें अकाली दल, जमशेदपुर, धर्म प्रचार कमिटी, स्थानीय गुरुद्वारा कमिटी या सीजीपीसी से अनुमति लेनी होगी।
बैठक में अन्य कई फैंसले लिए गए जिनमे मुख्य रूप से जमशेदपुर में सिख जनगणना को लेकर सभी गुरुद्वारा के प्रधानों को प्रपत्र भी सौंपे गए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान भगवान सिंह ने कहा कि नगरकीर्तन में शामिल होने ने स्कूल और स्री सत्संग सभा की यूनिट को भी लॉटरी के आधार पर सूची संख्या आवंटित कर दी गयी है। चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि आनंद कारज पर हजूर साहिब के फरमान को सभी गुरुद्वारों में गुरमत रहत मर्यादा अनुसार प्रभावी करने को जरुरी कदम उठाये जाएंगे। चेयरमैन गुमित सिंह तोते और साकची सरदार निशान सिंह ने कहा कि जमशेदपुर के सिख नगरकीर्तन में शामिल होकर प्रकाशपर्व को अप्रत्याशित रूप से सफल बनाकर गुरुघर की खुशिया प्राप्त करें। महासचिव अमरजीत सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला ने कहा कि नगरकीर्तन में अन्य संस्थाओं को दी जाने वाली सेवा की भी घोषणा जल्द की जायेगी। सरदार भगवान सिंह ने सभी गुरुद्वारा कमिटियों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि सभी प्रतिनिधि गुरु साहब के जन्मदिहाड़े के मद्देनजर अपने-अपने सम्बंधित यूनिट को अभी से जिम्मदारी निभाने के लिए निर्देश लागु कर दें। बैठक का धन्यवाद ज्ञापन सरदार नरेंदरपाल सिंह ने किया।
बैठक में प्रधान भगवान सिंह के अलावा चेयरमैंन सरदार शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते, निशान सिंह, वरीय उपाध्यक्ष नरेंद्रपाल सिंह, चंचल सिंह, कुलदीप सिंह शेरगिल, महासचिव अमरजीत सिंह व गुरचरण सिंह बिल्ला, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी, परमजीत सिंह काले, सुरजीत सिंह खुशीपुर, जागीर सिंह जग्गा, सुखदेव सिंह पनेसर, महेंद्रपाल सिंह भाटिया, सुजीत सिंह खुशीपुर, हरजिंदर सिंह, तारा सिंह, कुलविंदर सिंह, अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह भामरा, सुखदेव सिंह बिट्टू, इंद्रजीत सिंह, हरविंदर सिंह, गम्हरिया के इंद्रजीत सिंह, गुरमीत सिंह, लखविंदर सिंह, रविंद्र सिंह, रणजीत सिंह माथारू, जगतार सिंह नागी, बलदेव सिंह, गुरदयाल सिंह, सुरेंद्र सिंह शिंदे, जसवंत सिंह जस्सू, हरदीप सिंह दीप, अमरीक सिंह, परविंदर सिंह सोहल, ज्ञानी कुलदीप सिंह, करतार सिंह, बलविंदर सिंह, जसवंत सिंह, परमजीत सिंह रोशन, हरकीरत सिंह, जोगिंदर सिंह, सेंट्रल स्त्री सभा की प्रधान रविंदर कौर, चेयरपर्सन कमलजीत कौर, कमलजीत कौर गिल, सुखजीत कौर, परमजीत कौर आदि कई लोग उपस्थित थे।

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