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साहिबजादों की शहादत पर नतमस्तक हुई संगत, साकची में सजा कीर्तन दरबार

जमशेदपुर। छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह जी की शहादत को याद कर पोह माह की संग्रांद पर संगत ने साकची गुरुद्वारा में आयोजित कीर्तन दरबार में हाजरी भरी। शनिवार को गुरु गोबिंद सिंह के लाडले दोनों छोटे साहिबजादों की शहीदी को समर्पित साकची गुरुद्वारा परिसर में पोह माह की संग्रांद पर कीर्तन दरबार में संगत श्रद्धाभाव नतमस्तक हुई जहाँ भीगी पलकों से संगत ने उनकी शहादत पर गम के साथ गर्व महसूस किया।
इस अवसर पर सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह, उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह शेरगिल, सलाहकार सुखदेव सिंह बिट्टू, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह बेदी, सुरेंदर सिंह छिंदे, कुलविंदर सिंह पन्नू, अर्जुन सिंह वालिया समेत अन्य सदस्यों ने भी दरबार में हाजरी भरी। साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह के नेतृत्व में महासचिव परमजीत सिंह काले व शमशेर सिंह सोनी, सतनाम सिंह घुम्मन, सुखविंदर सिंह निक्कू, अजायब सिंह, जगमिंदर सिंह, अमरपाल सिंह ने बड़े ही सुचारु और व्यवस्थित तरीके से संग्रांद के समागम कार्यक्रम का संचालन किया।
इस पावन अवसर पर सिख स्त्री सत्संग सभा साकची, सुखमणि साहिब कीर्तनी जत्था, भाई साहब भाई संदीप सिंह ने गुरबाणी कीर्तन गायन किया, ग्रंथी भाई साहब भाई सुखजिंदर सिंह अमृतसर वाले ने गुरमत विचारों से संग्राद के महत्व को बताया, मुख्य ग्रंथी भाई साहब भाई अमृतपाल सिंह जी साहिबजादो और अन्य शहीदों के जीवनी पर प्रकाश डाला। अंत में संगत ने पंगत में बैठकर गुरु का अटूट लंगर छका।

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