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सीजीपीसी की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले

संविधान में संशोधन करने पर हो रहा है विचार; शादी-विवाह के नियम भी सख्ती से किए जायेंगे लागू: भगवान सिंह

जमशेदपुर। साकची स्थित सीजीपीसी कार्यालय में रविवार को सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की एक बैठक में कई अहम फैसले लिए गये। जिसके संविधान संशोधन और शादी-विवाह के नियम सख्ती से लागु कराने जैसे फैसलों पर हाउस ने सहमति प्रदान की।
अरदास उपरांत शुरू की गई बैठक में लगभग सभी सदस्यों की मौजूदगी में फैसलों पर मुहर लगी। प्रधान भगवान सिंह की अध्यक्षता में चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते, संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू, नरेंद्रपाल सिंह भाटिया, गुरचरण सिंह बिल्ला, साकची के प्रधान सरदार निशान सिंह, महासचिव अमरजीत सिंह, सुरजीत सिंह खुशीपुर, गुरनाम सिंह बेदी, चंचल सिंह, तारा सिंह सुखविंदर सिंह, कुलदीप सिंह बूगे, परविंदर सिंह सोहल, रविंदर सिंह, अमृतपाल सिंह, महेंद्र सिंह, बलकार सिंह, अवतार सिंह चंचल, बलवीर सिंह, लखविंदर सिंह, रविंदर सिंह, रंजीत सिंह मथारू, बलविंदर सिंह, गुरचरण सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, सुरेंद्र सिंह शिंदे, परमजीत सिंह रोशन, सुच्चा सिंह, सुखराज सिंह, रणजीत सिंह विक्की, हरविंदर सिंह, कुलदीप सिंह, प्रीतम सिंह, जगजीत सिंह गांधी, अमरजीत सिंह गांधी, गुरमेल सिंह, हरदीप सिंह छनिया, हरिशरण सिंह, परमजीत सिंह काले, अर्जुन सिंह वालिया, जोगा सिंह, बचन सिंह, हरजिंदर सिंह, बलवंत सिंह, कश्मीर सिंह, सुखविंदर सिंह, सतबीर सिंह गोल्डु, जितेंद्र सिंह शालू, सेंट्रल सिख स्त्री सत्संग सभा की प्रधान सुखजीत कौर, चेयरमैन कमलजीत कौर, दलबीर कौर, महासचिव रविंदर कौर, कमलजीत कौर गिल और जसविंदर कौर आदि की उपस्थिति में फ़ैसलो पर सहमति की मुहर लगी।
भगवान सिंह ने सीजीपीसी कार्यालय की मरम्मतीकरण तथा भीतर और बाहर सौंदर्यीकरण के विषय पर हाउस की सहमति ली जबकि कार्यालय स्थित कुछ भाग को किराये पर देने का फैसला भी बैठक में किया गया। सरदार शैलेन्द्र सिंह ने बैठक के बीच में शादी-विवाह के दौरान 2003 में पारित किए गये नियमों का हवाला देते हुए उन नियमों को सख्ती से लागू करवाने की मांग रखी जिसे हाउस ने सहमति दी लेकिन कुछ नियमों को लचीला करने की भी मांग हाउस की ओर से उठी।
शादी-विवाह में दोपहर को 12:00 बजे से पहले पहले आनंद कारज की रस्म पूरी की जाएगी साथ ही साथ बारात में सड़कों पर महिलाओं के नाचने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। जयमाला की रस्म पर पूर्ण पाबंदी होगी। आनंद कारज के समय में दुल्हन का पहनावा सलवार सूट होने पर ही विवाह सम्पन्न करवाया जाएगा तथा बारात आगमन के समय फीता कटाई रस्म पर भी पूरी पाबंदी रहेगी परंतु इस रसम के तहत बच्चियों को उनके जीजा द्वारा कम से कम 1100 रुपए दिये जा सकते हैं।
नगरकीर्तन या धार्मिक कार्यक्रमों में लड़कियां पर जींस पैंट पहनने पर पाबंदी लगाई गई है साथ ही पहनावे में पर्दा होना जरूरी है।
किसी व्यक्ति के देहांत के बाद चौथे की रस्म व मोड़ी-मकान रस्म पर पाबंदी रहेगी। किसी बुजुर्ग के देहांत के बाद उनकी अर्थी को सजाना या फल मेवे बाँटने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है। रात की बारात पर भी पाबंदी रहेगी परंतु दोनों पक्ष अगर चाहे तो साझा रात की पार्टी कर सकते हैं। यदि एक पक्ष जमशेदपुर के बाहर का है उस पर संबंधित गुरुद्वारा कमेटी को विश्वास में लेकर बारात का समय में परिवर्तन किया जा सकता हैं।
पारित किए गए नियमों के उल्लंघन करने पर 5100 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।

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