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ईचा डैम विस्थापितों के लिए बन गया अभिशाप : बीर सिंह बुड़िउली

चाईबासा। सदर प्रखंड के कुरसी पंचायत अंतर्गत राजस्व ग्राम जयपुर में ग्रामीण मुंडा चंदमोहन देवगम की अध्यक्षता में ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान की बैठक संपन्न हुई। बैठक में श्री मुंडा ने ईचा डैम की पृष्टभूमि और वर्तमान में उसके स्वरूप से जनजीवन पर होने वाले प्रभाव/आशंकाओं पर प्रकाश डाला । सभा को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बीर सिंह बुड़ीउली ने कहा कि ईचा डैम ( स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना) से पूर्ण रूप विस्थापित होने वाले डैम के उदगम स्थल पर बसा बड़ा जयपुर,छोटा जयपुर और कुरसी पंचायत पूरी डुब जाएगा। इस डैम के लिए लगभग 4443 हेक्टेयर भूमि अधिकृत की जा चुकी है। प्रथम चरण में इसकी ऊंचाई 213 मीटर तक सीमित की गई। प्रारंभ में लगभग 686 करोड़ की लागत से बनने वाली इस डैम के लिए 8651 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी थी। और बांध की ऊंचाई 225 मीटर प्रस्तावित थी। डैम निर्माण से कोल्हान के 87 गांव पूर्ण से प्रभावित होंगे। इसमें 26 गांव पूर्ण रूप से और 61 गांव आंशिक रूप से जलमग्न होंगे। इसलिए झारखंड की चंपई सोरेन की सरकार इसे जनहित में अविलंब रद्द करें। ईचा डैम विस्थापितों के लिए बन गया अभिशाप । झामुमो 2019 की मुख्य चुनावी मुद्दा और कोल्हान की वर्षो पुरानी मांग का समर्थन करते हुए अपना वादा पूरा करे । और ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया । संघ आंदोलन को मजबूती एंव उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर न्यायिक लड़ाई के लिए धनसंग्रह के लिए अपील कर गांव गांव जा कर जनसमर्थन मांग रही । बैठक में मुख्य रूप से श्याम कुदादा, योगेश कालुंडिया, गुलिया कालुंडिया,रोबिन देवगम,नारायण देवगम,भोलानाथ पूरती,जयपाल पूरती,कृपाल सिंह देवगम,रमेश गोप,लखींद्र बानरा, जोंगा देवगम, मुक्ता कुई,लक्ष्मी बिरूवा,सावन तिउ, शीबा करुवा,शंकर सुंडी,आंदोलनकारी और ग्रामीण शामिल थे।

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