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सिंहभूम संसदीय क्षेत्र वास्तव में कांग्रेस का पारंपरिक सीट है इस सीट पर आदिवासी हो उपजातियों की बहुलता है

चाईबासा। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के सचिव अशरफुल होदा ने आज सर्किट हाउस रांची में झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर से मुलाकात कर सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।विदित हो सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की यूपीए सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद अचानक राजनीतिक गलियारे में जो चर्चा है उसके बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश सचिव ने बताया कि सिंहभूम संसदीय क्षेत्र वास्तव में कांग्रेस का पारंपरिक सीट है। इस सीट पर आदिवासी हो उपजातियों की बहुलता है। और 80 के दशक से अब तक की सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की आंकड़ा को देखा जाय तो यह स्पष्ट हो जाता है। कोल्हान के दिवंगत पूर्व सांसद बागुन सुमबरूई चार बार कांग्रेस से सांसद रहें है। जबकि एक बार गीता कोड़ा कांग्रेस का सांसद निर्वाचित हुई थी।और झामुमो निश्चित तौर पर झारखंड में बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए महागठबंधन की सरकार में उनका मुख्यमंत्री से लेकर अधिकतम मंत्रालय है। और राज्य के संदर्भ में भविष्य में भी स्वाभाविक गठबंधन है कांग्रेस के साथ। जबकि झामुमो से एक ही बार पूर्व सांसद कृष्णा मरांडी सांसद निर्वाचित हुए थे। इस तरह से कांग्रेस का परंपरागत सीट के रूप में सहजता से सिंहभूम संसदीय सीट को देखा जा सकता है। इसी बारे में अशरफूल होदा ने प्रभारी को विस्तृत जानकारी प्रदान किया।

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