FeaturedJamshedpur

शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में नहीं हों तंबाकू उत्पाद की दुकानें, नियमित रूप से प्रमुख चौक-चौराहों, हाट-बाजार में चलायें जांच अभियान पकड़े जाने पर लगेगा जुर्माना

जमशेदपुर;राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में अपर जिला दण्डाधिकारी(विधि व्यवस्था) की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय, अनुमण्डल स्तरीय एवं प्रखण्ड स्तरीय छापामार दस्ते का एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में त्रिस्तरीय छापेमार दल को सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद के नुकसान और इसके नियंत्रण के लिए मौजूदा कानूनों के बारे में संवेदीकरण कर प्रशिक्षण दिया गया ।

कार्यशाला में सीड्स झारखंड के कार्यक्रम समन्वयक श्री रिंपल झा के द्वारा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उदेश्य, तंबाकू संबंधित उत्पादों पर रोक लगाने हेतु उठाए जाने वाले कदमों आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही समय-समय पर सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों तथा इसके सफल क्रियान्वयन हेतु मौजूदा कानूनों एवं उनके अनुपालन के संबंध में विस्तार से बताया गया।

एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री नन्दकिशोर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। तंबाकू की खपत पर नियंत्रण के लिए सामाजिक जागरूकता के साथ ही कोटपा तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम का सख्ती से अनुपालन कराना आवश्यक है, सामाजिक प्राणी और प्रशासन में होने के नाते यह हम सबकी जिम्मेदारी है। तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति समाज में जागरूकता और जिले में तंबाकू की खपत को कम करने हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के बीच अंतर्विभागीय समन्वय को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि जिले में स्थित सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों की बिक्री ना हो इसे त्रिस्तरीय छापेमार दल सुनिश्चित करें। साथ ही प्रमुख चौक-चौराहों एवं हाट-बाजार में भी जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। सभी सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ निजी कार्यालयों में भी ‘तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है’, ‘टोबैको फ्री जोन’ तथा ‘नो स्मोकिंग’ का साईनेज लगाने के भी निर्देश दिए।

सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान पर प्रतिबंध
व्यक्तिगत अपराध के लिए- 200/- रू. तक जुर्माना ।
प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए- सार्वजनिक स्थानों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना ।

सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध*
प्रथम अपराध की दशा में- 2 वर्ष तक का कारावास या 1000/- रू. तक का जुर्माना अथवा दोनों ।
द्वितीय अपराध की दशा में- 5 वर्ष तक का कारावास या 5000/- रू. तक का जुर्माना अथवा दोनों ।
18 वर्ष से कम आयु के अव्यस्कों को तंबाकू पदार्थ बेचने पर प्रतिबंध
– रू. 200/- रू. तक जुर्माना ।

शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि में सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों के विक्रय पर प्रतिबंध

– रू. 200/- रू. तक जुर्माना ।

बिना विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनियों के सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध
उत्पादक
प्रथम अपराध की दशा में- 2 वर्ष तक का कारावास या 5000/- रू. तक का जुर्माना अथवा दोनों ।
द्वितीय अपराध की दशा में- 5 वर्ष तक का कारावास एवं 10000/- रू. तक का जुर्माना ।

विक्रेता
प्रथम अपराध की दशा में- 1 वर्ष तक का कारावास या 1000/- रू. तक का जुर्माना अथवा दोनों ।
द्वितीय अपराध की दशा में- 2 वर्ष तक का कारावास एवं 3000/- रू. तक का जुर्माना
सिविल सर्जन डॉ. ए.के लाल ने जानकारी दी कि तंबाकू में हजारों प्रकार के रसायन मौजूद होते हैं, इसमें कई ऐसे नुकसानदायक तत्व हैं जिनके बारे में अनुसंधानों में पुष्टि हो चुकी है। तंबाकू में कैंसर पैदा करने वाले एजेंट होते हैं। हमें स्वस्थ नागरिक और सेहतमंद समाज बनाने के लिए धूम्रपान और तंबाकू सेवन पर लगाम लगाना है तथा लोगों को इसका उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित करना है।

कार्यशाला में जिला आर.सी.एच पदाधिकारी डॉ. जुझार मांझी, जिला मलेरिया पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, जिला/अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय संबंधित प्रशासनिक तथा पुलिस पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक NHM, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के जिला सलाहकार, सामाजिक कार्यकर्ता, मनोवैज्ञानिक एवं सीड्स झारखंड के प्रतिनिधि सहित अन्य शामिल हुए ।

Related Articles

Back to top button