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शहीद देवेंद्र माझी की 74 वीं जयंती को किसान आंदोलन को समर्पित

कुलदीप चौधरी
जमशेदपुर;झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा,पूर्वी सीहभूम के तत्वावधान में आज शहीद देवेंद्र माझी की 74 वीं जयंती निर्मल महतो गेस्ट हाउस में मनाया गया। शहीद देवेंद्र माझी की जयंती को किसान आंदोलन को समर्पित किया गया। साथ ही शहीदों की कुर्बानी को मंजिल तक पहुंचने का संकल्प लिया गया।
मुख्य अतिथि झामुमो सरायकेला खरसावां के अध्यक्ष श्री.शुभेंदु महतो ने शहीद देवेंद्र माझी के साथ उनके भेंट एवम विचार विमर्श का याद स्मरण किए।उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को नियोजन,पेंशन व सम्मान देने के लिए सरकार कृत संकल्प है। शाहिदो के सपनों को साकार करना हमारा दायित्व है।जयंती समारोह का
अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों ने अमर पुरोधाओं की पहचान को मिटने नहीं देंगे। दिकू तंत्र व माफिया राज को समाप्त कर ही खुशहाल झारखंड की परिकल्पना व देवेंद्र माझी के सपनों को साकार किया जा सकता है। टाटा लीज नवीनीकरण का लाभ के खतियान धारियो व किसानों को आज मिलना चाहिए,न्याय दिलाने की दिशा में सरकार पहल करे।
विशिष्ट अतिथि 18 मौजा संताल माझी महाल के जोग माझी श्री. सवना मार्डि ने कहा कि हम इस अवसर पर उपस्थित होकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि कोल्हान के इतनी महान आंदोलनकारी के पुण्यतिथि में उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर मिला।यह सही बात है कि झारखंड का भी ज्वलंत मुद्दा है उस बात को इस संगठन के बैनर तले उठाना चाहिए।अलग राज्य का आंदोलन इसलिए लोग किया था की एक वेहतर झारखंड हमे मिले । हम सभी आंदोलनकारी मिलकर राज्य को
बेहतर बनायेगे,शहीदों के सपनों को साकार करेंगे ।
झारखंड आंदोलन के पुराने एवं वरिष्ठ बुद्धिजीवी सियाशरण शर्मा ने किसान एकजूटता मंच की ओर से कहा कि शहीद देवेंद्र माझी असाधारण व्यक्तित्व व उच्च विचार के थे।उनके झारखंड के मेहनती जानता के विच मजबूत पकड़ इस लिए था की वे उनके बीच बहुत ही साधारण तरीके से मिलते जुलते थे। वे जीवन में कभी भी आम झारखंडी जनता से रहन सहन के मामले में अपने को अलग नहीं किए। शंकर नायक(एचजेकेडी) ने शहीद देवेंद्र माझी जल,जंगल,जमीन व अलग राज्य के प्रणेता थे। उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ।
शंकर नायक नेअपने अस्तित्व की लड़ाई को गंभीरता से ले। जल,जंगल,जमीन की लड़ाई के साथ किसानों के हकमारी को रोकने के लिए संघर्ष करना है।
झारखंड आंदोलकारी गौतम बोस ने कहा कि संघर्ष के साथियों अपने शहादत देकर अलग राज्य की लड़ाई को सफल किया।
झारखंड आंदोलनकारी अधिवक्ता
अशोक महतो ने कहा कि अपने जमीन को पकड़कर संघर्ष किया है। एक एक झारखंड आंदोलनकारी गांव देहात के किसान है। न्याय मिलना चाहिए। शोषण विहीन व बेहतर झारखंड के लिए हमलोग लड़ाई लडे। अंबेडकर विचार मंच के प्रवक्ता श्री.शंभू मुखी”डूंगरी” ने कहा की शहीद देवेंद्र माझी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगा जब झारखंड के युवा वर्ग उनके दिखाए रास्ते पर जल,जंगल एवम जमीन को रक्षा के लिए आगे आयेगा।
झारखंड आंदोलकारी हरमोहन महतो ने कहा कि संघर्ष व शहादत की धरती है झारखंड। अपने संस्कृति को जिंदा रखना हमारा दायित्व है। शहीद झारखंड आंदोलकारियों को चिन्हितीकरण कर ई नाम गजट में नाम यूप्रकाशित हो व शहीद का दर्जा दिया जाए । उन्होंने किसान आंदोलन व जाति आधारित गणना की मांग किया ।
मौके पर कार्यक्रम का संचालन संयोजक विश्वजीत प्रमाणिक,धन्यवाद ज्ञापन शाहिद अहमद ने किया।
कार्यक्रम में एमडी नबी ,सतुआ हेंब्रम,

मंबोध महतो,हरदेव सिंह,रम महतो,रसराज महतो,चितरंजन महतो,शंभूनाथ महतो, रामपद्दो महतो,जुगल किशोर दास सहित अन्य झारखंड आंदोलनकारी गण
उपस्थित थे।

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