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बनारस के प्रख्यात गंगा घाट की तर्ज पर सूर्य मंदिर छठ घाट पर हुई महाआरती

हजारों श्रद्धालु हुए शामिल, शंख, डमरू, घरीघंट की ध्वनि, शानदार आतिशबाजी और जलते दीपकों के लौ की अद्भुत छटा को देख हुए मंत्रमुग्ध

जमशेदपुर। सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति की ओर से श्रावण माह के तृतीय सोमवारी के अवसर पर संध्याकाल में बनारस के गंगा घाट की तर्ज पर महाआरती का आयोजन किया गया। भव्य महाआरती को देखने के लिए सिदगोड़ा समेत आसपास के क्षेत्र के हजारो लोग शामिल हुए। सूर्य मंदिर के छठ घाट के अविरल छल-छल करते जल के बीच आयोजित महाआरती का भव्य और दिव्य दृश्य बहुत मनोरम लग रहा था। इस दौरान महाआरती में शामिल श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आए। महाआरती के दौरान सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, सांसद विद्युत वरण महतो व अन्य मुख्य रूप से मौजूद रहे।बनारस से आये पांच सदस्यीय पंडितों के साथ जमशेदपुर के पंडितों ने भक्ति से ओतप्रोत, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाआरती की। महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी उमड़ी कि सूर्य मंदिर के छठ घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। बनारस से आये पंडितों ने बनारस के गंगा घाट के जैसे आरती प्रारंभ की तो लोग बस देखते ही रह गए। आरती के दौरान भक्ति और आस्था का विहंगम नजारा दिखा। घंट- घड़ियाल व शंख ध्वनि के बीच महाआरती के स्वर से पूरा वातावरण झंकृत हो गया। बनारस में गंगा की तर्ज पर आयोजित महाआरती के दृश्य देख हर किसी की आस्था उफान पर थी। एक घंटे तक चली महाआरती के दौरान जयकारे से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। इस दौरान पूरे विधि-विधान के साथ छठ घाट के बीच में मौजूद महाशिवालाय की भव्य एवं दिव्य महाआरती की गयी। शंख, डमरू, घरीघंट की ध्वनि और शानदार आतिशबाजी के बीच पूरे तालाब परिसर में फैले जलते दीपकों के लौ की अद्भुत छटा को देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए।

इस अवसर पर सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देश की आध्यात्मिक राजधानी बनारस से शुरू हुई गंगा महाआरती का चलन पूरे देश में तेजी से बढ़ रहा है। लौहनगरी जमशेदपुर के सभी लोगों के लिए बनारस जाकर इसका आनंद लेना संभव नही है। इसलिए सूर्य मंदिर के पवित्र छठ घाट पर इसका आयोजन किया गया। जिसमें शामिल होकर हजारों श्रद्धालुओं ने आनंदित हुए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष इसका आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा।

महाआरती के दौरान सांसद विद्युत वरण महतो, सेवानिवृत्त आईपीएस राजीव रंजन सिंह, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी, संजीव सिंह, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, कृष्णमोहन सिंह, संतोष यादव, बंटी अग्रवाल, कंचन दत्ता, प्रेम झा, प्रमोद मिश्रा, जलाभिषेक यात्रा के संयोजक मिथिलेश सिंह यादव, रामबाबु तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, पवन अग्रवाल, सुशांत पांडा, कुलवंत सिंह बंटी, राकेश सिंह, कल्याणी शरण, खेमलाल चौधरी, महेंद्र यादव, सतवीर सिंह सोमू, अनिल मोदी, सुधांशु ओझा, संजीव सिन्हा, जितेंद्र राय, मंजीत सिंह, राजीव सिंह, बोलटू सरकार, अमित अग्रवाल, सुरेश शर्मा, संतोष ठाकुर, दीपक झा, अजय सिंह, हेमंत सिंह, बबलू गोप, ध्रुव मिश्रा, बिनोद राय, प्रशांत पोद्दार, संदीप शर्मा बौबी, हेमेंद्र जैन हन्नु, बिनोद सिंह, नारायण पोद्दार, ज्ञान प्रकाश, कौस्तव रॉय, मनी मोहंती, अभिमन्यु सिंह चौहान, कुमार अभिषेक, विकास शर्मा, मृत्यंजय यादव, रमेश नाग, श्रीराम प्रसाद, पप्पू मिश्रा, संतोष कुमार, अशोक सामंत, नरेंद्र ओझा, श्रीराम प्रसाद, पप्पू मिश्रा, रामबिलास शर्मा, कुमार संदेश, चिंटू सिंह, नवजोत सिंह सोहल, उमेश साव, रविजेंट सिंह, मनीष पांडेय, अनुराग मिश्रा, इकबाल सिंह, निर्मल गोप, अनिकेत रॉय, बिमला साहू, सरस्वती साहू, मधुमाला, संजना साहू, मधु तांती, सुधा यादव, शीलू साहू, ममता सिंह, लकी कौर, काजू शांडिल, रंजीत सिंह, जसवंत सिंह, ऋषव सिंह, सतीश कुमार समेत सैकड़ों अन्य कार्यकर्ताओं का सराहनीय योगदान रहा।

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