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प्रारंभिक सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का अध्ययन नामक पुस्कक का किया गया विमोचन

महिला कॉलेज चाईबासा के बीएड विभाग के मल्टीपरपस सभागार में महिला कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अर्पित सुमन के द्वारा लिखित पुस्तक

संतोष वर्मा
चाईबासा। मंगलवार को महिला कॉलेज चाईबासा के बीएड विभाग के मल्टीपरपस सभागार में महिला कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अर्पित सुमन के द्वारा लिखित पुस्तक ” *प्रारंभिक सरकारी* *विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का अध्ययन* ” का विमोचन किया गया। साथ ही एन.एस.एस. प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। प्राचार्या प्रीतिबाला सिन्हा ने सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुए कहा कि एक पुस्तक को लिखने में बहुत खोज करनी पड़ती है। तत्पश्चात महिला कॉलेज बी.एड. विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अर्पित सुमन ने पुस्तक का परिचय देते हुए कहा कि उन्हें पुस्तक लिखने की प्रेरणा के बारे बताया साथ ही पुस्तक की संक्षिप्त जानकारी दी। कोल्हान विश्वविद्यालय एम.एड. विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुचिता बेहरा ने पुस्तक के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा संबंधी पुस्तकें बहुत कम हैं इसलिए शिक्षा संबंधी पुस्तकों को बढ़ावा देना चाहिए। इसके पश्चात् ही सभी अतिथिगणों के द्वारा पुस्तक का विमोचन किया गया और केक काटा गया।इस अवसर पर कोल्हान विश्वविद्यालय एन.एस.एस. कॉर्डिनेटर डॉ.दारा सिंह गुप्ता ने डॉ अर्पित सुमन को बधाई देते हुए कहा जिस प्रकार किसी भवन की मजबूती के लिए उसकी नींव का मजबूत होना आवश्यक है वैसे ही शिक्षा में उच्च स्तर को मजबूत करने के लिए प्राइमरी स्तर को अच्छा करना आवश्यक है। कोल्हान विश्वविद्यालय सी.वी.सी डॉ.संजीव आनंद ने कहा “अनुभव से बड़ा कोई शिक्षक नहीं होता”। उन्होंने दुष्यंत कुमार की पंक्तियाँ हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए कहकर सबको अभिप्रेरित किया।उन्होंने अन्य प्राध्यापको को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। डालसा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि हमेंघ हमेशा सीखते रहना चाहिए और कभी भी स्वयं को पूर्ण नहीं मानना चाहिए।
नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा अधिकारी श्री क्षितिज ने बधाई देते हुए कहा कि प्राइमरी शिक्षा महत्वपूर्ण है जे.एस.सी.पी.सी.आर. सदस्य विकास दोदराजका ने बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।जमशेदपुर कॉपरेटिव कॉलेज बी.एड.विभागाध्यक्ष डॉ राजू ओझा ने कहा कि पढ़ते लिखते सब हैं लेकिन अब भी हम शोध कार्यों में पीछे हैं इसलिए हमें खोज करते रहना चाहिए और किताबों की रचना करते रहना चाहिए।इस कार्यक्रम के उपरांत डॉ. दारा सिंह द्वारा एन.एस.एस. प्रमाण पत्र वितरण में अगुवाई की गई। तत्पश्चात मो.करीम हाशमी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया तथा राष्ट्रीय गान के साथ इस कार्यक्रम की समाप्ति की गई। इस कार्यक्रम में डॉ अंजुबाला खाखा, डॉ सुचिता बाड़ा, ,प्रो डोरिस मिंज, डॉ अंजना सिंह, डॉ मीरा कुमारी, डॉ मालती, डॉ रूबी कुमारी, डॉ भूपेश चंद, डॉ राजीव लोचन नामता, प्रो नवल चौधरी,अमित झा,गिरिजानंद रत्नाकर, डॉ ओनिमा मानकी, प्रो सुशांति कुमारी,डॉ पुष्पा कुमारी, प्रो सुजाता किस्पोट्टा, प्रो फ्लोरेंस बेक, प्रो बिरुपक्ष महतो, प्रो मदन मोहन, प्रो शीला समद, प्रो बबिता कुमारी, प्रो प्रीति देवगम, प्रो धनंजय कुमार, डॉ प्रशांत कुमार खरे , प्रो सितेंद्र रंजन, प्रो शताब्दी दत्ता औरर साथ ही बी एड सेमेस्टर 1 और 2 की छात्राएँ उपस्थित रहे।

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