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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चक्रधरपुर के कमलदेव गिरि की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की

कमलदेव गिरी हत्याकांड में पुलिस में नो अपराधियों को 3 अवैध देशी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है

जमशेदपुर। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने चक्रधरपुर के हिंदूवादी युवा नेता एवं गिरिराज सेना के संरक्षक कमल देव गिरी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। इस बाबत पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए कमल देव गिरी की हत्या की जांच केन्द्रीय अन्वेषन ब्यूरो (सीबीआई) से कराने तथा इस जघन्य हत्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीप दण्ड विधान की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई करने की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि कमलदेव गिरि, युवा हिन्दूवादी नेता, चक्रधरपुर के रहने वाले थे। वे अपने क्षेत्र में समाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यों में काफी रुचि लेते थे। चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम के सभी लोगों का जुड़ाव इनसे रहा है। श्री गिरि की क्षेत्र में लगाव एवं लोकप्रियता एक समुदाय को बर्दाश्त नहीं हो रही थी। वे लोग इन्हें अपने अवैध एवं असंवैधानिक गतिविधियों के मार्ग में रोड़ा समझते थे। इन्हें रास्ते से हटाने के लिए इनकी गत दिनांक 12-11-2022 शनिवार संध्या में बोतल बम मारकर हत्या कर दी, जब वे चक्रधरपुर में भारतीय जनता पार्टी के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात कर वापस घर लौट रहे थे। श्री गिरि की हत्या के बाद पूरे चक्रधरपुर समेत आस-पास के जिलों में काफी आक्रोश उत्पन्न हो गया। राज्य के उभरते नेता की सरेआम हत्या से लोग काफी दुःखी है। श्री गिरि की हत्या के विरोध में 15/11/2022 को चक्रधरपुर बंद का व्यापक रूप से असर रहा। इनकी हत्या करने वालों के द्वारा चक्रधरपुर में डर का माहौल कायम किया जा रहा है। पुलिस इनकी हत्या में शामिल अपराधियों को अब तक चिन्हित कर गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। आगे उन्होंने लिखा कि कमलदेव गिरि एक सामाजिक, धार्मिक युवा हिन्दूवादी नेता थे। इन्हें हत्या के 15 दिन पूर्व फोन पर अज्ञात अपराधियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी, जिसकी सूचना उन्होंने संबंधित थाने एवं SP/DC प० सिंहभूम को दी थी। तथा अपने ऊपर कोई अनहोनी घटना घटित होने का संकेत देते हुए अपनी तथा अपने परिवार की सुरक्षा मांगी थी। स्व० गिरि के इन तथ्यों को पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील होकर संज्ञान में ले लिया गया होता तो उनकी हत्या नहीं होती।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्तमान हेमंत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा कि स्व० गिरि के हत्यारे की अभी तक पहचान कर गिरफ्तारी नहीं होना राज्य की सत्तारूढ़ हेमन्त सोरेन सरकार द्वारा संरक्षण एवं मिलीभगत परिलक्षित होती है। श्री गिरि की हत्या की जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है। वर्तमान सत्तारूढ़ दल राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं / हिन्दूवादी नेताओं की चुन-चुन कर हत्या कराने पर आमादा हो गई है। श्री गिरि की हत्या में भाड़े के दुर्दांत अपराधियों का सहयोग लेने की भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ऐसी घटनाओं के मामले में मूकदर्शक बन बैठी है।

आगे उन्होंने लिखा कि यहाँ पर यह भी उल्लेख करना उचित है कि तीन वर्ष पूर्व पिछली भाजपा सरकार द्वारा राज्य एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक में राज्य के सभी जिलों में लगभग 1000 दुर्दांत अपराधियों व नक्सलियों पर सीसीए / एनएसए लगाकर राज्य की जेलों में बंद किया गया था। तथा अपराधियों की स्पीडी ट्रायल के माध्यम से न्यायालय द्वारा उनके विरुद्ध वादों की सुनवाई कर कानून एवं विधि व्यवस्था को काफी नियंत्रित किया गया था। इस व्यवस्था से राज्य में अपराध का ग्राफ काफी कम हो गया था। उक्त अवधि में सीसीए / एनएसए के नाम से अपराधियों में भय उत्पन्न हो गया ।
श्री दास ने हिंदूवादी युवा नेता कमलदेव गिरि की निर्मम हत्या को राजनीतिक हत्या बताते हुए लिखा कि इसमें संलिप्त व्यक्तियों की पहचान केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा कराने की आवश्यकता है ताकि इस हत्या को अंजाम देनेवाले व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके।

पश्चिम सिंहभूम पुलिस गिरी हत्याकांड में 3 अवैध हथियार के साथ 9 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है

गृह मंत्री को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भले ही पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस पर जो भी आरोप लगा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि पश्चिम सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर द्वारा गठित एस आई टी टीम ने गिरी हत्याकांड में कुल 9 अपराधियों को 3 अवैध देशी पिस्तौल और 4 जिंदा गोली के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसके साथ ही हत्याकांड में प्रयुक्त दो मोबाइल, एक स्कूटी और एक बाइक बरामद की था। गिरी हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता कोई और नहीं बल्कि हिंदू युवक सत्यवान प्रधान उर्फ सतीश प्रधान है। गिरी कांड में सीबीआई जांच की मांग करना पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए अलग बात है। होनी भी चाहिए, लेकिन यह राजनैतिक से प्रेरित लग रहा है ? रघुवर दास का यह कहना कि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है, इसमें दूर-दूर तक सच्चाई नहीं दिख रही है।

गिरफ्तार अपराधी

1 गुलजार हुसैन उर्फ पिट्टू 2 मतिउर रहमान उर्फ दानिश 3 सत्यवान प्रधान उर्फ सतीश प्रधान, 4 जाहिद हुसैन 5 रकीब 6 साकिर 7 हाशिम 8 अभिषेक कसेरा 9 शाहनवाज खान।

जप्त हथियार

कांड में प्रयुक्त तीन हथियार, 4 जिंदा गोली, दो मोबाइल, एक स्कूटी, एक बाइक।

एसआईटी दल में शामिल पुलिस पदाधिकारी

श्री कपिल चौधरी सहायक पुलिस अधीक्षक सह अनुमंडल पदाधिकारी चक्रधरपुर, श्री सुमित अग्रवाल सहायक पुलिस अधीक्षक, दिलीप खलको अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर, चंद्रशेखर कुमार थाना प्रभारी चक्रधरपुर थाना एवम अन्य।

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