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झारखंड के 33 हजार अधिवक्ता कल न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे

झारखंड के 33 हजार अधिवक्ता कल न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे

संदर्भ तमाड़ में मनोज झा हत्याकांड

झारखंड में अपराधी बेलगाम हर तरफ लोगों में मौत का खौफ

रांची। तमाड़ में अधिवक्ता मनोज झा की अपराधियों द्वारा जघन्य हत्या के विरोध में झारखंड के 33 हजार अधिवक्ता कल शुक्रवार को न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे। यह निर्णय बुधवार को झारखंड बार काउंसिल के वर्चुअल बैठक में लिया गया। झारखंड बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्ण ने राज्य के सभी अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से कल अलग रहने का निर्देश दिया है। यह सच बात है कि झारखंड में विधि व्यवस्था चरमरा सी गई है। अपराधी बेलगाम हो गए हैं। इसका ताजा उदाहरण पिछले 27 जुलाई की शाम 4:00 बजे तमाड़ में अधिवक्ता मनोज झा की छह गोली मारकर हत्या करना बताया जाता है। इसके साथ ही बुधवार कि सुबह लगभग 5:08 बजे मॉर्निंग वॉक में निकले धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश 8 उत्तम आनंद का टेंपू से धक्का मार कर मौत के घाट उतार देने का मामला है। यह घटना धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास घटी। वर्ष 2005 में उत्तम आनंद जमशेदपुर में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में कार्य कर चुके थे और भी कुशल व्यवहार के थे। यह बात जमशेदपुर बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बताई। वही दूसरी ओर उन्होंने कहा कि अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड में सरकार मृतक के परिवार को ₹10000000 मुआवजा दें। अधिवक्ता मनोज झा की हत्या का कारण उनके मुवक्किल का सेंट जेवियर स्कूल जमीन विवाद बताया जाता है जिसके कारण उन्हें जान गवानी पड़ी।

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