FeaturedJamshedpurJharkhandNationalWorld

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पुलिस का ऐसा अमानवीय कृत्य,लोकतंत्र मध्यप्रदेश में हुआ शर्मसार

बीएसपीएस की मध्यप्रदेश इकाई जर्नलिस्टस यूनियन ऑफ मध्यप्रदेश ने गृह मंत्री से कार्यवाई की मांग की


भोपाल।भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की मध्य प्रदेश ईकाई जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश “जम्प” ने सीधी में पत्रकार और रंग कर्मियों के साथ हुई प्रताड़ना को गंभीरता से लिया हैं। पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही को अनुचित बताते हुए मध्य प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी ने मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को एक पत्र भेजा है, जिसमें यूट्यूबर्स का नाम लेकर ओरिजिनल पत्रकारों और रंग कर्मियों के साथ पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की तीव्र भर्त्सना की है। संगठन ने मांग की है कि मध्यप्रदेश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पुलिस का ऐसा अमानवीय कृत्य तत्काल रोका जाए ।
सीधी पुलिस का टेढ़ा और तालिबानी कृत्य एक तस्वीर के रूप में सोशल मीडिया में तैर रहा है। तस्वीर  में दर्जन भर युवा लगभग नग्न स्थिति में हवालात में गिड़गिड़ा रहे हैं। इन युवाओं में कुछ पत्रकार है तो कुछ रंगमंच के कलाकार जिनके नाटकों की धूम देशभर में मची रहती थी। आखिर क्या है इसकी असलियत..? क्यों पुलिस को इस स्तर तक उतरना पड़ा..?

घटना 4 अप्रैल से शुरू होती है। रंगमंच में काम करनेवाले तथा इन्द्रावती नाट्यसंस्था के संचालक नीरज कुंदेर को सीधी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद। नीरज पर आरोप है कि उसने किसी अनुराग मिश्र के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल व उनके बेटे गुरूदत्त शरण शुक्ल के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री पोस्ट की। पुलिस का दावा है कि फेसबुक के प्रबंधन ने जो रिपोर्ट दी उसके आधार पर वह फेक आईडी नीरज संचालित करता था। कोतवाली पुलिस के प्रभारी मनोज सोनी ने नीरज पर साइबर एक्ट के साथ ही धारा 420 व कुछ अन्य संगीन जुर्म दर्ज करके जेल भेज दिया।
इस घटना व नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी के विरोध में इंद्रवती नाट्य संस्था के कलाकार साथी रोशनी प्रसाद, नरेन्द्र सिंह, शिवा कुंदेर व अन्य धरने पर बैठते हैं और जानना चाहते हैं कि फेसबुक प्रबंधन की वह रिपोर्ट बताइए जिसके आधार पर नीरज की गिरफ्तारी की गई। गहमागहमी बढ़ती है। इसबीच कुछ पत्रकार भी घटना को कवर करने पहुँचते हैं उनमें से एक कनिष्क तिवारी भी हैं जो न्यूज नेशन के प्रतिनिधि व एक बघेली यूट्यूब चैनल के संचालक हैं। धरना दे रही भीड़ नारेबाजी करती है। केदारनाथ शुक्ल मुर्दाबाद के नारे शुरू होते ही पुलिस धरना दे रहे युवाओं पर डंडे लेकर टूट पड़ती है। पत्रकार कनिष्क तिवारी समेत सभी रंगमंच के कलाकार धारा 151 के तहत थाने की हवालात में रखे जाते है। पुलिस थर्ड डिग्री पर उतरती है और सभी के एक एक करके कपड़े उतारती है। कनिष्क के अनुसार सबकी जबरदस्त पिटाई होती है। नग्नावस्था में एक लाइन से खड़ा करके पुलिस वाले ही मोबाइल से फोटो खींचते हैं। वही फोटो सोशल मीडिया में जारी हो जाती है।
पूरे मसले में ट्विस्ट तब आता है जब 6 अप्रैल को उसी कथित अनुराग मिश्र के फेसबुक में केदारनाथ और उनके बेटे के खिलाफ फिर एक पोस्ट जारी होती है। अब सवाल यह कि जब नीरज कुंदेर इसी अनुराग मिश्र की फेक आई डी आपरेट करने के आरोप में जेल में है तो फिर इस फेसबुक में ताजा पोस्ट किसकी?
पूरा मामला राजनीतिक साजिश है। सबक सिखाने के लिए नीरज को टारगेट किया गया और पत्रकार कनिष्क को भी क्योंकि सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल इन्हें अपना विरोधी मानते है।
इस घटना के चार दिन पूर्व नीरज के संयोजन में इन्द्रावती नाट्य समिति ने चालीस दिवसीय नाट्यसमारोह का समापन किया था इस समारोह के मुख्य अतिथि थे पूर्व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल।
डॉ. जोशी ने अपील जारी करते हुए कहा कि विन्ध्य की लोकसंस्कृति व रंगमंच को देशव्यापी बनाने और एक पहचान देने के अभियान में जुटे सीधी के सुविख्यात रंगकर्मी नीरज कुंदेर और उनके कलाकार साथियों,रंगकर्मियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाना अति निंदनीय है।
पुलिस ने एक शिकायत पर यह कार्रवाई की कि नीरज ने दूसरे नाम से फेक आईडी बनाकर किसी व्यक्ति को बदनाम किया है। सिर्फ इतने हल्के आरोप(जो कि अभी साबित होना है) लगाकर दुर्दांत अपराधियों की तरह गिरफ्तार करके जेल भेज देना बदनीयति की पराकाष्ठा है।
नीरज के संयोजकत्व में सीधी जैसे पिछड़े क्षेत्र में कला-संस्कृति के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय आयोजन हुए। इस हेतु कला जगत में नीरज का मान सम्मान है।
नीरज कुंदेर व इंद्रावती नाट्यसंस्था के कलाकारों ने समय-समय पर मुख्यमंत्री के आयोजनों को भी संस्कृतिमय किया जिसकी उन्हें सराहना मिली। उनके आयोजनों में पक्ष-विपक्ष के राजनेता भी समभाव में शामिल होते रहे हैं। लेकिन नीरज व उनके साथियों पर की गई यह कार्रवाई समझ से परे है।
सवाल उठता है कि क्या अब सत्ता के बुलडोजर से संस्कृतिकर्मी भी कुचले व जमीन्दोज किए जाएंगे?

(डॉ नवीन जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, मध्यप्रदेश)

Related Articles

Back to top button