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जिन मासूम बच्चो के कंधो पर बस्ते होने चाहिए उन कंधो पर बस्ती के जगह कबाड़ की बोरिया हैं

नेहा तिवारी
प्रयागराज; जी हां शंकरगढ़ प्रयागराज में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी होने के बाद भी कबाड़ बीनने वाले दर्जनो बच्चे स्कूल की देहरी तक नही पहुंच पा रहे हैं। विडंबना यह है कि एक ओर स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है ,वही दर्जनो बच्चे अभी भी कबाड़ बीनने में व्यस्त हैं। इन हालतो में अधिनियम के क्रियान्वयन पर प्रश्न चिन्ह लगने लगा है। चौदह वर्ष के हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार अधिनियम ने भले ही प्राथमिक शिक्षा पाने का हक दे दिया हो पर तमाम ऐसे दर्जनो बच्चे अभी भी शिक्षा से दूर है। हालांकि विभागीय अफसर ऐसे बच्चों को स्कूल चलो अभियान के दौरान विधायल तक लाने का दावा कर रहे हैं। अफसरो का दावा कितना सफल होता हैं ? यह आने वाले दिनो में स्पष्ट हो जाएगा। लेकिन, वर्तमान में जिस तरीके से बच्चे होटलो, ढाबो, किराना, स्टोर की दुकानो व कूड़े के ढेर पर कचरा बीनते दिखाई दे रहे हैं, उससे यह कहना मुश्किल में नामांकित हो जाएंगे यह मुश्किल लग रहा है।

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