सेंगोल’ पर कांग्रेस के दावे से उलट शशि थरूर ने दी दलील, कहा- अतीत का यह प्रतीक सभी को अपनाना चाहिए
राजेश कुमार झा
नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को ‘सेंगोल’ के मुद्दे पर अपनी पार्टी के विपरीत स्टैंड लेते हुए कहा कि वर्तमान के मूल्यों की पुष्टि करने के लिए सभी को अतीत से इस प्रतीक को अपनाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करते हुए लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक ‘सेंगोल’ स्थापित किया है. ऐसे में थरूर ने सरकार के इस तर्क की पुष्टि की कि ‘सेंगोल’ परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है, हालांकि उन्होंने विपक्ष के तर्क को भी सही बताया कि ‘संविधान को लोगों के नाम पर अपनाया गया था’.
थरूर ने ट्विटर पर कहा, ‘सेंगोल विवाद पर मेरा अपना विचार है कि दोनों पक्षों के पास अच्छे तर्क हैं. सरकार का यह तर्क सही है कि राजदंड पवित्र संप्रभुता और धर्म के शासन को मूर्त रूप देकर परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है.
सत्ता और विपक्ष की दलीलें अपनी-अपनी जगह सही’
थरूर ने ट्वीट किया, ‘सेंगोल विवाद पर मेरा अपना विचार है कि दोनों पक्षों की दलीलें अपनी-अपनी जगह सही हैं. सरकार का यह तर्क सही है कि राजदंड पवित्र संप्रभुता और धर्म के शासन को मूर्त रूप देकर परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है. वहीं विपक्ष भी यह दलील सही है कि संविधान को लोगों के नाम पर अपनाया गया था और यह संप्रभुता भारत के लोगों में उनकी संसद में प्रतिनिधित्व के रूप में रहती है. यह दैवीय अधिकार द्वारा प्रदत्त किसी राजा का विशेषाधिकार नहीं है.’