नानकशाही कैलेण्डर अनुसार सिखों ने मनाया नया साल. साकची और टेल्को गुरुद्वारे में हुआ विशेष आयोजन
चैत गोबिंद अराधिए होवे अनंद घणा…. शब्द-कीर्तन से गूंजते रहे गुरुद्वारे
जमशेदपुर। नानकशाही कैलेंडर अनुसार नया साल और चैत महीने की संग्रांद पर जमशेदपुर के अधिकतर गुरुद्वारे शब्द-कीर्तन गायन से गूंजते रहे। साकची गुरुद्वारा व टेल्को गुरुद्वारा साहिब में इस अवसर पर दीवान सजाये गये।
साकची गुरुद्वारा में आयोजित दीवान सर्वप्रथम दो दिन पहले रखे गए अखण्ड पाठ की समाप्ति के भोग उपरांत कीर्तन दरबार की शुरुआत हुई जिसमें सबसे पहले सुखमणि साहिब कीर्तन जत्थे ने कीर्तन गायन किया, इसके बाद सिख स्त्री सत्संग सभा साकची ने कीर्तन गायन किया, इनके बाद भाई साहब भाई मनदीप सिंह जी (अमृतसर वाले) ने कीर्तन गायन किया। अंत में ज्ञानी अमृतपाल सिंह जी ने आज के शुरू हुए चैत माह तथा नए साल की शुरुआत पर अपने विचार प्रकट किए। कीर्तन दरबार की समाप्ति के उपरांत संगत के बीच में गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस अवसर पर साकची गुरुद्वारा के प्रधान सरदार निशान सिंह ने समूह साध-संगत को बधाई देते हुए कहा की वाहेगुरु महाराज सभी पर अपना आशीष भरा हाथ हमेशा बनाये रखे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गुरुद्वारा साहेब साकची के समूह मेंबर, सिख स्त्री सत्संग सभा साकची, सुखमणि साहिब कीर्तन जत्था ने सराहनीय सहयोग किया।
उधर टेल्को गुरुद्वारा साहिब में अकाली दल जमशेदपुर ने टेल्को गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के सहयोग से गुरमत समागम आयोजित कर नानकशाही कैलेंडर नये साल में प्रवेश किया। इस अवसर पर मंजी साहिब, दरबार साहिब, अमृतसर से आये प्रचारक जसविंदर सिंह सहूर ने संगत के बीच नानकशाही कैलेंडर अनुसार नववर्ष का ज्ञान साझा किया। तरणतारण साहिब से आये कीर्तनी जत्थे की बीबी रवीन्द्र कौर के अलावा भाई मनदीप सिंह अमृतसरवाले तथा जमशेदपुर के कवि भाई सुरजीत सिंह ने अपने वचनों से संगत को निहाल किया।