भारतीय संविधान के मूल तत्वो को समझने और उस पर चलने की जरूरत : अनिल कुमार मिश्र
स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक अधिवक्ताओं का गौरवशाली इतिहास: राजेश शुक्ल
जमशेदपुर ।अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति का 6 वा स्थापना दिवस सह भारतीय संविधान दिवस का भव्य कार्यक्रम आज जमशेदपुर के धालभूम क्लब में सम्पन्न हुआ। जिसका उदघाटन पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री और झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने किया। जबकि कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन धर्मनाथ प्रसाद यादव थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व महानिबंधक पी आर दाश और झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य अब्दुल कलाम रशीदी थे।
इस अवसर पर संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का संकल्प और विषय बस्तु पूर्व जिला लोक अभियोजक जयप्रकाश अधिवक्ता ने रखा।
इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन की तदर्थ समिति के संयोजक लाला अजित कुमार अम्बष्ठ, पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस मित्रा , मनोरंजन दाश , निमाई चन्द पंडा टी एन ओझा, बिहार के महामंत्री श्री रणविजय सिंह, और श्वेता कुमारी झारखंड महिला अध्यक्ष विनीता सिंह, ने भारतीय संविधान और हमारा दायित्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अपने उदघाटन भाषण में पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान के मूल तत्वो को आज समझने की जरूरत है इसके प्रति समाज मे जागरूकता हो उसके लिए दायित्व निभाने की जरूरत है। समाज की नजर अधिवक्ताओं पर ज्यादा रहती है उन्हें समाज की आशा और आकांक्षाओं के अनुरूप लोंगो को जागरूक करने की भूमिका अदा करनी चाहिए।
इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व महानिबंधक पी आर दाश ने भारतीय संविधान के निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा कि हमे उनकी भावनाओं और संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों को समझना होंगा। समाज को मजबूत बनाने में इसकी अहम भूमिका है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन धर्मनाथ प्रसाद यादव ने कहा कि हमे संविधान के सम्मान के साथ साथ यह भी देखना है कि समाज मे सबकी समानता हो और संविधान के मूल तत्वों का उलंघन न हो। उन्होंने समिति के कार्यकलापों और कार्यक्रमों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री और झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि भारतीय संविधान राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत बनाने में सदैव कारगर साबित हुआ है इसमें सामाजिक, आर्थिक, और राजनैतिक न्याय,विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म एवं उपासना की स्वतंत्रता और अवसर की समता प्राप्त करने का सार तत्व है जिसे हमे समझना और आत्मसात करना होंगा। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री शुक्ल ने अधिवक्ताओं के स्वर्णिम और गौरवशाली इतिहास का भी विशेष रूप से अपने भाषण में उल्लेख किया।
इस अवसर पर झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य अब्दुल कलाम रशीदी ने अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और संविधान की रक्षा में सबके सहयोग और समर्थन की अपील की।
बिहार राज्य अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के महामंत्री रणविजय सिंह अधिवक्ता ने कहा कि यह समिति अधिवक्ताओं के हितों के लिए कार्य करती रहेंगी। कोरोना काल मे भी अधिवक्ताओं को समिति ने हर स्तर पर मदद किया।
कार्यक्रम में सरायकेला के वरिष्ठ अधिवक्ता गोलक नाथ पति, जमशेदपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री मनोरंजन दाश, श्री तापस मित्रा, निमाई चन्द पंडा, लाला अजित कुमार अम्बष्ठ, टी एन ओझा ,जयप्रकाश, श्री अब्दुल कलाम रशीदी ,देवेन्द्र सिंह,श्वेता कुमारी सहित अनेक अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों ने अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री और झारखंड राज्य बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन श्री राजेश कुमार शुक्ल को संयुक्त रूप से संविधान दिवस पर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बलाई पंडा, संजीव रंजन बरियार, अजय सिंह राठौर, अशोक सिंह, केदार अग्रवाल, रविन्द्र नाथ चौबे, दिनेश चंद्र शुक्ल, विजय शंकर पाठक, नीलेश प्रसाद, विनीता सिंह, लालटू चंद्रा, पवन तिवारी, मनीष दाश, श्याम ठाकुर, बसंत कुमार मिश्र, भरत झा, विष्णु गर्ग ,कन्हैया पांडेय, कान्तानन्द सोनी, राजकुमार, प्रिया शर्मा, रमेश प्रसाद, विनीता मिश्रा सहित भारी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे। इस अवसर समिति के प्रदेश पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया। संचालन लालटू चंद्रा ,और धन्यवाद ज्ञापन श्री विजय शंकर पाठक ने किया।