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29 को मनाया जायेगा संतान की दीर्घायु व निरोगी काया की कामना का जिउतिया व्रत

रौशन कु पांडेय
जमशेदपुर. पौराणिक कथाओं व मान्यताओं के आधार पर माताओं द्वारा किया जाने वाला प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत मंगलवार को मनाया जायेगा। यह व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की उदया अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस व्रत में माताएं संतान की लंबी आयु, आरोग्यता, बल वृद्धि, सुख-समृद्धि, यश, ख्याति एवं कष्टों से रक्षा की कामना करती हैं।
क्षेत्रीय देशाचार व मान्यताओं के आधार पर इस व्रत में माताएं सप्तमी तिथि को दिन में नहाय-खाय, रात में विधिवत पवित्र भोजन करके, अष्टमी तिथि के सूर्योदय से पूर्व भोर में ही सरगही व चिल्हो-सियारो को भोज्य पदार्थ अर्पण कर व्रत को प्रारंभ करती हैं। व्रत के दौरान पूजन व राजा जीमूत वाहन व चिल्हो-सियारो की कथा का श्रवण करती हैं। ज्योतिषाचार्य पं. रमा शंकर तिवारी ने बताया कि काशी से प्रकाशित पंचांगों के अनुसार इस बार मंगलवार 28 सितंबर को अपराह्न 3.05 बजे तक सप्तमी तिथि है, जबकि इसके बाद अष्टमी तिथि लग रही है। अष्टमी तिथि बुधवार 29 सितंबर को संध्या 4.45 बजे तक रहेगी, तदुपरांत नवमी तिथि लगेगी। पौराणिक कथा व शास्त्रीय मान्यताओं से सूर्योदयकालीन शुद्घ अष्टमी तिथि में व्रत करके तिथि के अंत अर्थात नवमी तिथि में पारण करना वर्णित है।

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