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सावन के राजस्थानी गीतों पर मारवाड़ी समाज की महिलाएं हो गई बाग-बाग

जमशेदपुर। शुक्रवार को अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन झारखंड प्रदेश की ओर से आयोजित सावन सिंधारा उत्सव कार्यक्रम में रंगीलो सावन आयो रे सुरंगो सावन आयो…, आयो आयो तीज त्योहार…, आजा सखियां तीज मनआवा…, सावन आया झूम के…, मोर की तरह सखिया नाचो…, रिमझिम बरसे सावन…. आदि राजस्थानी गीतों पर सम्मेलन संस्था से जुड़ी मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने जमकर ठुमके लगाए। शुक्रवार की शाम को सिंधारा कार्यक्रम सीतारामडेरा रोड़ स्थित द प्राइड होटल में महिला सम्मेलन की झारखंड प्रदेश अध्यक्ष मंजू खंडेलवाल एवं उपाध्यक्ष प्रभा पाडिया की देखरेख में संपन्न हुआ। इस मौके पर रंग-बिरंगी परिधानों में शामिल महिलाओं की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। राजस्थानी वेशभूषा में सोलह श्रृंगार की महिलाओं ने कार्यक्रम के दौरान नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति कर महोत्सव को और मनमोहक बनाने का सराहनीय प्रयास किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मंजू खंडेलवाल ने बताया कि सावन सिंधारा उत्सव हमारी संस्कृति व धरोहर है। इससे समाज में परस्पर प्रेम की भावना बढ़ती है। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने जमकर मस्ती की। अंत में सभी ने लजीज स्वादिष्ट व्यंजनों का आनन्द भी लिया। इससे पहले बिष्टुपुर तुलसी भवन में विगत 08 से 14 जुलाई तक महिलाओं द्धारा आयोजित सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन संपन्न होने की खुशी में प्रदेश अध्यक्ष ने समस्त टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। इसे सफल बनाने में लता अग्रवाल, बीना अग्रवाल, सीमा अग्रवाल, सुशीला खीरवाल, सीमा जवानपुरिया, रानी अग्रवाल आदि का योगदान रहा।

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