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सरयू राय ने झारखण्ड के सिखों के मताधिकार का मामला विधान सभा में उठाया

झारखण्ड सिखों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा सीजीपीसी: भगवान सिंह

विधान सभा में मामला उठना शुरुआती जीत है, सीजीपीसी विधायक का धन्यवाद करती है: शैलेन्द्र सिंह

Ranchi;बुधवार को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना की 15सदस्यीय समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित करने का मामला शून्यकाल के दौरान विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया तथा सभा अध्यक्ष से इस बारे में सरकार को संज्ञान लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने कहा कि झारखण्ड के सिख अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना जानते है तथा झारखण्ड सिखों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए सीजीपीसी हरसंभव प्रयास करेगी। झारखण्ड सिखों के अधिकार पक्ष का मुद्दा सदन में उठाने के लिए उन्होंने सरयू राय का धन्यवाद भी किया। वहीँ झारखण्ड राज्य गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के प्रधान सरदार शैलेन्द्र सिंह ने इसे शुरुआती जीत करार देते हुए झारखण्ड सिखों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही। सरदार भगवान सिंह और सरदार शैलेन्द्र सिंह ने एक सुर में कहा कि तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना की सदस्य समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित करने के लिए वे क़ानूनी सहारा भी ले सकते हैं।
गौरतलब है कि आज शून्यकाल में के दौरान जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने झारखण्ड विधान सभा में वक्तव्य रखते हुए कहा कि सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली पटना साहिब में स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब जी का प्रबंधन 15 सदस्यीय समिति करती है। इसका संचालन 1955 में बने संविधान और
नियामवाली के तहत होता है। प्रबंधन समिति में अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली सहित उत्तर एवं दक्षिण बिहार का प्रतिनिधित्व है। बिहार का पुनर्गठन होकर झारखण्ड राज्य बना है। अभी तक दक्षिण बिहार के साथ झारखण्ड था। दक्षिण बिहार और झारखण्ड का संयुक्त प्रतिनिधित्व तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना के प्रबंधन की 15 सदस्यीय समिति में रहता था। परन्तु किन्ही लोगों द्वारा अब यह साजिश हो रही है कि झारखण्ड को दक्षिण बिहार के प्रतिनिधि से अलग कर दिया जाय और इसके लिए तख्त श्री हरमंदिर साहिब, पटना समिति के संविधान में संशोधन किया जाय। जबकि दक्षिण बिहार में केवल 15 गुरूद्वारा है और झारखंड में 120 के करीब गुरूद्वारा है। इस तरह झारखण्ड को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साजिश चल रही है। जब अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली के सिख प्रतिनिधि तख्त हरमंदिर साहेब की 15सदस्यीय समिति में है तो झारखण्ड को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं देना कहीं से भी उचित नहीं है।
इसी प्रकरण पर सरयू राय ने सरकार से मांग की है कि बिहार की सरकार के साथ वार्ता कर तख्त श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित कार्यवाया जाये।

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