विधायक सरयू राय ने संगम अग्रवाल पर हुए हमले को लिया गंभीरता से, कहा फिर से गुंडों का मनोबल ऊंचा हो रहा है, प्रशासन की भूमिका संदिग्ध
जमशेदपुर। तीन वर्ष पहले जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र की जनता ने मुझे इस अपेक्षा से विधायक बनाया था कि इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था क़ायम होगी और उस गिरोह पर अंकुश लगेगा जो सत्ता की प्रत्यक्ष/ परोक्ष शह से आम जनता के लिए सिरदर्द बन गया है। क़ानून व्यवस्था अपने हाथ में लेकर मनमानी कर रहा है और जब जिसे चाहे प्रताड़ित करते रहता है।
मेरे चुनाव जीतने के बाद यह गिरोह शिथिल हो गया था, पर अब फिर सिर उठाने लगा है। अपना असली रूप दिखाने लगा है। जनता में ख़ासकर व्यवसायियों में भय और आतंक का वातावरण बनाने की कोशिश करने लगा है।
दो दिन पहले शहर के एक उद्यमी संगम अग्रवाल के कार्यालय में घुसकर मारपीट करना इसका ताज़ा उदाहरण है। मीडिया में खबर आने के बाद मैं उद्यमी के कार्यालय गया था। उन्होंने बदन पर लगी चोटों को दिखाया, वहाँ का सीसीटीवी फ़ुटेज देखा। इनके कार्यालय में घुसने वालों में एक के हाथ में हथियार दिख रहा है। पुलिस ने मार खाने वाले से भी और मारने वालों से भी एफआईआर ले लिया है। इस मामले से जुड़ा ह्वाट्सएप चैट भी देखा और अभद्र गाली गलौज का ऑडियो भी सुना. हमला पूर्व नियोजित, पूर्व घोषित था।
गत 28 अक्टूबर 2022 को टाऊन हाल मैदान में निहत्थे समूह पर आक्रामक हुजूम के हमला में भी पुलिस ने ढाई माह बीत जाने के बाद भी कोई कारवाई नहीं किया है। अनुसंधान पूरा नहीं किया है। पता नहीं अनुसंधान एफआईआर तक ही सीमित है या हमलावरों की शिनाख्त भी वीडियो देखकर हुई है। दोनों पक्ष से एफआईआर ले लिया है। संतुलन साधन की कोशिश हो रही है। इस मामले में कार्रवाई हो गई होती तो संगम अग्रवाल के ऑफिस में हमला करने की हिम्मत नहीं होती।
मैंने कई ऐसे मामलों की जानकारियाँ इस बीच पुलिस को दिया है जो मुझे क़ानून के प्रतिकूल प्रतीत हो रही हैं। इन मामलों में पुलिस की पहल संतोषजनक नहीं रही है. यह चिंता का विषय है। इससे आपराधिक प्रवृति को प्रोत्साहन मिलता है।
मारपीट करना, थाना में एफ़आइआर के साथ काउंटर एफआईआर होना, एक ही अनुसंधानकर्ता द्वारा दोनों का अनुसंधान करना, अनुसंधान में संतुलन साधना, दबाव डालकर उभय पक्षों में समझौता कराना, अपराधियों एवं ग़ैरक़ानूनी कार्यों में लिप्त रहने वालों के प्रति पुलिस द्वारा उदारता बरता जाना, सत्ता में शामिल लोगों का पुलिस पर दबाव बढ़ना आदि के कारण पीड़ित पक्ष के प्रति न्याय नही होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
मैं अपने विधानसभा क्षेत्री जनता को, खासकर आर्थिक गतिविधियों में संलग्न लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि विगत अनेक वर्षों में व्याप्त भय और आतंक को पुनः इस क्षेत्र में हावी नही होने दूँगा और पुलिस के भी पूर्वकाल के रवैया में परिवर्तन के लिए विवश करूँगा।