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ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जतिन राम माझी पर दर्ज प्राथमिकी : डी डी त्रिपाठी

जमशेदपुर। सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डीडी त्रिपाठी उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम सूरज कुमार से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम ज्ञापन सौंप अबिलम्ब गिरफ्तारी की मांग की। त्रिपाठी के साथ पूरोहित्य समाज के अध्यक्ष विपिन कुमार झा सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
श्री त्रिपाठी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हम पार्टी के मुखियाँ श्री जीतन राम मांझी द्वारा जातीय घृणा एवं सामाजिक वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से समाज के सबसे प्रबुद्ध वर्ग ब्राह्मणों को टारगेट किया हैं।
और यह सोची समझी सोच के तहत राजनीतिक घृणा एवं सामाजिक विद्वेष पैदा करने के लिए खुले मंच से श्री जीतन राम मांझी द्वारा वर्ग विशेषकर ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी की गई हैं, जो भारतीय दंड संहिता के अनुसार 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता की अखंडता को तोड़ने के लिये कार्य करना) के तहत मामला बनता हैं।
समाज में किसी भी विकृति को बढ़ावा देना सिर्फ अपने प्राप्त अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत 18/A के अधिकारों की आड़ में या संरक्षण प्राप्त अधिकारों की आड़ में राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए चुनौती हैं ।
त्रिपाठी ने माँग किया कि ब्राह्मणों के खिलाफ की गई अभद्र और अश्लील टिप्पणी के खिलाफ बिहार सरकार को केस दर्ज कर जीतन राम माँझी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दे । ताकि कानून का शासन के प्रति देश के लोगों में विश्वास बना रहें।

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