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दिनकर की रचना युग का बोध कराती है : प्राचार्या

द ग्रैजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग में हिन्दी दिवस व राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित

जमशेदपुर: द ग्रैजुएट कॉलेज के हिन्दी विभाग में शनिवार को हिन्दी दिवस और राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का आरंभ मुख्य अतिथि कॉलेज की प्राचार्या डॉ मुकुल खंडेलवाल ने दिनकर जी के तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर किया। अपने संबोधन में प्राचार्या ने कहा कि दिनकर की रचना युग का बोध कराती है। दिनकर ने अपनी रचनाओं के माध्यम से न सिर्फ क्रांति लाने का कार्य किया अपितु मानव के कर्तव्य को भी परिभाषा किया।
मुख्यवक्ता राकेश पाण्डेय ने कहा कि दिनकर का कुरुक्षेत्र और रश्मिरथी में मनुष्य के कर्म और धर्म की शिक्षा नये तरिके से देने का कार्य किया है। कुरुक्षेत्र में जहाँ उन्होंने भीम और अर्जुन को वापस लौटाने की बात कर वर्तमान में अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष करने की बात कही है। वहीं रश्मिरथि में वीरता और योग्यता को जाती से नहीं आंकने की बात कही है। पाण्डेय ने कहा कि दिनकर अपने काव्यों के माध्यम से अपने उपनाम को सार्थक करते हुए दिखाई देते हैं।
कार्यक्रम में इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ कमलेश कुमार कमलेंदू ने भी हिन्दी दिवस की महता और दिनकर के संस्मरण की चर्चा की। संगोष्ठी का संचालन सेमेस्टर 6 की स्वेता झा ने किया तथा अध्यक्षीय भाषण एवं आभार प्रकट हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ भारती कुमारी ने किया।
इस अवसर पर नाजरीन परवीन, मीनू परवीन, ज्योति शर्मा ने दिनकर जी के कविता पाठ किया। संगोष्ठी में नीतु पासवान, स्वेता कुमारी, अंजली कुमारी, संतोषी कुमारी, खुशबू कुमारी, बबीता मार्डी, शीलावती महतो, संजू गोप, लक्ष्मी कालिन्दी, सोनी कुमारी, सीमा कुमारी, सुनीता सोरेन, अनिशा कुमारी, निशा सिन्हा, रीता कुमारी, सपना कुमारी समेत अन्य विद्यार्थी उपस्थित थे।

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