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कैट ने चुनाव आयोग से विधानसभा चुनावों में ई-वोटिंग शुरू करने की मांग की : सुरेश सोनथालिया

जमशेदपुर। पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव प्रक्रिया की घोषणा के लिए भारत के चुनाव आयोग की प्रशंसा करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज ई-वोटिंग प्रणाली की शुरूआत और कार्यान्वयन की मांग की, जिसके माध्यम से मतदाता अपने मतदान का प्रयोग कर सकते हैं जिसके जरिये कोरोना महामारी के किसी भी संपर्क से बचकर चुनाव के दौरान लोगों को बचाया जा सके ! कैट ने आशंका जताई है कि चुनाव आयोग द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सभी उपचारात्मक उपाय करने के बावजूद मतदान के दिन होने वोट देने के लिए लगने वाली वाली पंक्तियों में लगे मतदाताओं के लिए घातक साबित हो सकती हैं ! कहीं भी जाए बिना अपने स्थान से अपने अधिकार का प्रयोग करें। कोरोना का डर सिर पर मंडरा रहे कोरोना के डर से बड़ी संख्या में लोगों को घर पर रहने से रोक सकता है।

कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खण्डेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने आज भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्रा को आज भेजे गए एक पत्र कैट ने आग्रह किया कहा कि कोविड के वर्तमान महत्वपूर्ण चरण के दौरान समय की आवश्यकता को महसूस करते हुए, आयोग ने प्रौद्योगिकी के इष्टतम उपयोग की शुरुआत की है। मोबाइल ऐप के उपयोग की घोषणा करके और उम्मीदवारों को एक ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की स्वतंत्रता प्रदान करके। ये कदम भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने में एक लंबा सफर तय करेंगे और देश भर के व्यापारिक समुदाय ने आयोग की घोषणा की सराहना की है।

श्री खंडेलवाल और श्री सोन्थालिया ने आयोग को एक “ई-वोटिंग” प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया, जिसके माध्यम से मतदाता दुनिया में कहीं से भी इंटरनेट तक पहुंच वाले किसी भी उपकरण के साथ अपना वोट डाल सकते हैं। ऑनलाइन वोटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करके उच्च सुरक्षा मानकों के तहत मतपत्र की गोपनीयता बनाए रखी जा सकती है। वोट देना गुमनाम रहता है क्योंकि प्रौद्योगिकी प्रणाली की वास्तुकला व्यक्तिगत डेटा को इलेक्ट्रॉनिक मतपत्र से सख्ती से अलग कर सकती है। ई-वोटिंग प्रणाली, यदि लागू की जाती है, तो वोटों के मतदान के समय होने वाली भौतिक रेखाओं के कारण होने वाली कोविड मुद्रास्फीति को रोकने में एक उपयोगी और शक्तिशाली साधन साबित होगी। ई-लोकतंत्र इस तकनीक के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थानों का समर्थन करता है और उन्हें बढ़ाता है। यह नागरिकों को ई-गवर्नेंस के विकास के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है-व्यापारी नेताओं ने कहा।

कैट ने कहा कि कोविड महामारी दिन-प्रतिदिन तेजी सेके लिए बढ़ रही है और इसे विकत समय में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव करना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है ! वर्तमान में में जब ऑनलाइन भुगतान तेजी से बढ़ रहा है, ई-कॉमर्स का उपयोग देश भर के कोने कोने में हो रहा है,स्मार्ट फोन का व्यापक उपयोग, इंटरनेट प्रणाली की अधिक पहुंच के साथ साथ ई वोटिंग उपलब्ध करना आयोग के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम होगा ! इस प्रक्रिया से चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के संयुक्त खर्चों को भी बेहद कम कर देगा दूसरी ओर अधिक से अधिक लोग चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे, जिससे मतदान प्रतिशत में काफी वृद्धि होगी जो कि लोकतंत्र का अंतिम जनादेश भी है। यह कदम देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को काफी हद तक समृद्ध करेगा।

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