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एमजीएम अस्पताल अंतर्गत पोर्टेबल कोविड वार्ड में हुए हादसे का निरीक्षण करने भाजमो जमशेदपुर महानगर का प्रतिनिधिमंडल पहुँचे एमजीएम अस्पताल, अधिक्षक को मांग पत्र सौंप कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की


जमशेदपुर;कोलहान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल एवं मेडिकल कालेज कूव्यवसथा का दंश झेल रहा है. भाजमो जमशेदपुर महानगर के प्रतिनिधिमंडल ने जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव के नेतृत्व में शनिवार को अस्पताल पहुँचकर कल रात पोर्टेबल कोविद वार्ड में हुए हादसे के स्थल जाकर निरिक्षण किया एवं प्रतिनिधिमंडल ने अधिक्षक से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए ठोस पहल करने की मांग की. सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि एमजीएम अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज कराने हेतु आते हैं किंतु अस्पताल हमेशा से अपनी कूव्यवसथा का दंश झेल रही है. स्वास्थ्य विभाग के सभी दावे खोखले साबित होते जा रहे है. ताजा उदाहरण पोर्टेबल कोविड वार्ड में हुए दुर्घटना का हैं जिसमें हवा की लीकेज से पोर्टेबल वार्ड की छत में लगी सिलिंग का हिस्सा टूट कर गिर गया. गनीमत रही की कोई मरीज नहीं था नहीं तो को जान माल की हानि हो सकती थी. यह जो ब्लास्ट हुआ था वह काफी खतरनाक प्रतीत होता है और इससे भविष्य में भी मरीजों की सुरक्षा खतरे में आ सकती है. स्वास्थ्य विभाग को तत्काल इसकी जाँच कराकर सभी पोर्टेबल कोविड वार्डों को पुरे सुरक्षा मानकों के अनुसार दुरूस्त करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए की दुबारा ऐसी दुर्घटना ना हो.एमजीएम अस्पताल में मरीजों को परोसे जाने वाले तीन प्रहर के भोजन में घोर अनियमितता नजर आ रही है और भोजन की गुणवत्ता पहले से अत्यधिक खराब हो गई है जबकि विभाग द्वारा भोजन की राशि को ₹50 से बढ़ाकर ₹100 कर दिया गया है. एमजीएम अस्पताल हमेशा से ही कुप्रबंधन की मार झेलता आया है, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही, डाक्टरों और नर्सों की कमी, पैरामेडिकल, ओटसोरस कर्मी की कमी के कारण अस्पताल पहुचने वाले मरीज को उचित इलाज नहीं मिल पाता साथ ही संसाधनों की भारी कमी है और जो संसाधन उपलब्ध है उनका समुचित उपयोग नहीं हो पाता है. एमजीएम अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि के भुमिका और जिम्मेदारी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है की आज एक वर्ष से अधिक समय से प्रतिनिधि ने अस्पताल के लिए क्या किया है और उनकी क्या जवाबदेही है यह स्वास्थ्य मंत्री को जमशेदपुर की जनता को बताना चाहिए. अधिक्षक ने भाजमो प्रतिनिधिमंडल को बताया की इमर्जेंसी में बेड की संख्या कम है और मरीजों के लिए किसी तरह अतिरिक्त बेड लगाकर इलाज करना पड़ता है. अधिक्षक ने बताया की यदि इमर्जेंसी से लगी दिवार को तोड़कर पार्किंग में मिला लिया जाए तो इमर्जेंसी वार्ड में उपर्युक्त जगह हो जाएगी और बेड की संख्या को भी बढाया जा सकता है.भाजमो नेताओं ने कहा की वे इमर्जेंसी वार्ड के विस्तारीकरण के लिए विधायक सरयू राय का ध्यान आकर्षित करेंगे. इस दौरान मुख्य रूप से भाजमो जिला महामंत्री कुलविंदर सिंह पन्नु, मंत्री राजेश कुमार झा, विकास गुप्ता, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद, विधायक प्रतिनिधि (व्यवसायी मामलों) व महानगर प्रवक्ता आकाश शाह, पेयजल सह प्रभारी शंकर कर्माकर, शोसियल मीडिया प्रतिनिधि शेषनाथ पाठक सहित अन्य उपस्थित थे.

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