ठंड में खजूर के गुड़ की मांग बढ़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहा है खजूर के ताड़ी से गुड़
जमशेदपुर । ठंठ का समय आते ही खजूर के गुड़ का नाम सुनते की देशी खुशबू के साथ जमशेदपुर समेत आस पास के लोगों के मन मे खजूर गुड़ का स्वाद चखने के लिये मन मचल उठता है — लोग देशी जुगाड़ से बनी खजूर गुड़ की खरीदारी के लिये पटमदा और बोडाम प्रखंड पहुंच रहे है।
जमशेदपुर के ग्रामीण इलाके मे इन दिनो ठंड के समय खजूर का गुड बन रहा है । हर साल बंगाल के कई परिवार झारखंड पहुंचे है और तीन माह तक खजूर के पेड़ से रस निकालकर खजूर का गुड़ बनाते है –
प्रकृति के पेड़ से कैसे मेहनत कर देशी जुगाड़ से रोजगार किये जा सकते है । सबसे बड़ी बात है लोग अपने आंखों के सामने खजूर रस से गुड़ बनता देखते है । खजूर के पेड़ों से रस निकालकर भट्ठी में गुड़ को काफी मेहनत से तैयार किया जाता है। इसमे कम से कम सात घंटे का समय लगता है। तब जाकर एक दिन में एक से दो टीना गुड़ बनकर तैयार होता है। पटमदा और बोड़ाम प्रखण्ड के ग्रामीण इलाके पहाड़ियों से घिरा होने के कारण यहां खजूर के पेड़ काफी संख्या में हैं , जिससे खजूर का गुड़ बनायी जाती है ।
इस क्षेत्र में तैयार गुड़ झारखंड के साथ बिहार व बंगाल तक प्रसिद्ध है।
बंगाल से आये व्यापारी से पूछने पर खजूर बनाने वाले बताते हैं कि ये खजूर बनाने के प्रक्रिया शीत काल के तीन माह तक चलता है। शाम के समय आपपास के जितने भी खजूर के पेड़ हैं , सभी में खजूर के पेड़ को छीलकर उसमे एक हंडी टांग दी जाती है , जिसमे रातभर मे खजूर का रस रिस रिस कर जमा होता है , उस रस को सुबह सुबह पेड़ से हंड़ी उतार कर भट्ठी आग मे लोहे से बनी कराहा में डालकर काफी देर तक गर्म किया जाता है। करीबन पांच घंटे के बाद उबलते हुए खजूर रस गुड़ बनाना शुरू हो जाता है । गीले खजूर के गुड़ से दो तरीके से गुड़ बनायी जाती है , एक गीली खजूर गुड़ और दूसरा ढेला खजूर गुड़ । ढेला खजूर का रूप मे देख सकते है कि जमीन पर बनायी गयी साँचे – गड्डे मे गीले खजूर गुड़ को डाल दिया जाता है , ठंडी होने के बाद यह अपना रूप ले लेता है और बाद मे निकालकर बेचा जाता है । इसके साथ साथ प्लास्टिक के बने डब्बे मे भी इसे डाल कर मॉडन तरीके से ग्राहकों को बेचते है।
जिसको ग्रामीण क्षेत्र के 90 से 100 रुपए किलो जबकि शहरी क्षेत्र में 120 – 150 रुपए प्रति किलो बेचा जाता है। खुड की खरीदारी करने जमशेदपुर के अलावे दूर दूर से लोग आते है । झारखंड के कई जिला और पड़ोसी राज्य बंगाल – बिहार में भी खजूर गुड़ भेजा जाता है।