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घाटशिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न,घाटशिला महाविद्यालय का मुख्य द्वार एवं बाउंड्री वाल इसी माह से बनेगा- विधायक रामदास सोरेन

संताली साहित्य के विकास में साहित्य अकादमी का अहम योगदान- मदन मोहन सोरेन

घाटशिला महाविद्यालय के संताली विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने दीप प्रज्वलित कर किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी के महत्व को बताया और कहा कि साहित्य अकादमी, नई दिल्ली भारतीय साहित्य के विकास के लिए सक्रिय कार्य करने वाली राष्ट्रीय संस्था है, जो संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से संबंध है। इस संस्था द्वारा भारतीय संविधान के अष्टम अनुसूची में दर्ज 24 भाषाओं के विकास के लिए कार्य किए जाते हैं। इसमें संताली भाषा के विकास हेतु वर्ष 2004 से कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस मौके पर घाटशिला कॉलेज के विकास को लेकर विधायक के समक्ष मांग रखते हुए कहा कि कॉलेज का बड़ा मुख्य द्वार एवं बाउंड्री वाल बनवाया जाए तथा फुलडुंगरी में कॉलेज को मिले जमीन पर खेल कैंपस बनवाने में सहयोग किया जाए।
अपने उद्घाटन वक्तव्य में विधायक रामदास सोरेन ने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि संताली भाषा के विकास हेतु वे संघर्ष करते रहे हैं। साहित्य अकादमी द्वारा जो भी आयोजन कॉलेज में होगा, वे पूर्ण सहयोग करेंगे। अपने संबोधन में उन्होंने प्राचार्य डा चौधरी के मांग पर कहा कि इसी माह घाटशिला कॉलेज के मुख्य द्वार एवं बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य उनके विधायक निधि से प्रारंभ करवा दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कालेज के विकास कार्य में जब भी उनके सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी, वे सहयोग करेंगे।
संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि साहित्य अकादमी, नई दिल्ली में संताली परामर्श मंडल के संयोजक मदन मोहन सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि संताली साहित्य के विकास में साहित्य अकादमी का अहम योगदान है। उन्होंने संताली साहित्य के विकास में साहित्य अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम को विस्तार से बताते हुए कहा कि अगले माह घाटशिला महाविद्यालय एवं साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन घाटशिला में करवाया जाएगा। संगोष्ठी में डॉक्टर माही मार्डी द्वारा ओलचिकी लिपि में लिखित उपन्यास मनुष्य जैसा मानुष का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में आए अतिथियों को प्राचार्य डॉ आर के चौधरी ने अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर संथाली साहित्यकार भुजंगो टूडू, शोभा नाथ बेसरा, सालखू मुर्मू, जगदीश भगत, डॉक्टर नरेश कुमार, मानिक मार्डी, बसंती मार्डी, डॉक्टर एस के सिंह, डॉक्टर संदीप चंद्रा, प्रो महेश्वर प्रमाणिक, प्रो इंदल पासवान, गुनाराम मुर्मू, दीपक तोपो, हीरालाल सीट, मनिंद्र मार्डी के अलावे काफी संख्या में समाजसेवी, शिक्षक, स्टाफ एवं छात्र छात्रा उपस्थित थे।

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