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बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए सामाजिक संस्था नाम्या स्माइल फाउंडेशन ने शुरू किया ‘माही’ अभियान

नो हेल्थ विदाउट मेंटल हेल्थ, आज मानसिक स्वास्थ्य समस्या बन रही बड़ी चुनौती, जागरूकता ही बचाव: कुणाल षाड़ंगी

जमशेदपुर। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को इस दशक के लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। विशेषकर कोरोना महामारी के बाद यह और व्यापक रूप से सामने आ रही है।वैश्विक स्तर पर वर्ष 2020 के बाद से मनोरोगियों का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा है। आजकल के युवाओं में चिंता-तनाव और अवसाद के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, इस खतरे को देखते हुए शहर की सामाजिक संस्था नाम्या स्माइल फाउंडेशन एवं वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के संयुक्त तत्वावधान में ‘माही’ (मेंटल अवेसमनेस एंड हेल्थ इनिशिएटिव) अभियान की शुरुआत की है। बुधवार को पोखारी स्थित नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में माही अभियान का शुभारंभ नाम्या स्माइल फाउंडेशन के संस्थापक सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने किया। इस दौरान कई योजनाओं में सरकार के साथ काम कर रहे मनोविशेषज्ञ ने यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया।

इस अवसर पर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में युवाओं को जागरूक करने और इस खतरे को कम करने के उद्देश्य से संस्था नाम्या स्माइल फाउंडेशन एवं वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर की ओर से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार के टीबी उन्मूलन एवं अन्य कार्यक्रमों से जुड़े वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के मनोविशेषज्ञ द्वारा जिले के सभी बड़े शिक्षण संस्थानों में युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं एवं इससे बचाव हेतु जागरूक किया जाएगा। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि मन को स्वस्थ रखे बिना स्वस्थ तन की कल्पना करना बेमानी होगी, और इससे बड़ी बेमानी होगी मानसिक स्वास्थ्य को एक दायरे में बांध कर रखना। कहा कि आज स्वास्थ्य समस्या और मेंटल हेल्थ समस्याओं को एक नजरिए से देखने की जरूरत है। देश के हर बच्चे से लेकर उनके माता-पिता, शिक्षक, प्रशासन, नीति निर्माताओं और कानून व्यवस्था को मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत के बारे में सोचने और इस दिशा में सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की लत और तुलनात्मक रवैये के कारण युवा वर्ग अवसादग्रस्त हो रहे हैं। इसके साथ ही, आत्महत्या के मामले में भी वृद्धि देखी जा रही है। कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर व्याप्त भ्रम औऱ स्टिग्मा के चलते लोग अपनी समस्याएं दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहते, जागरूकता के आभाव के कारण इस तरह की सोच बड़ी चुनौती साबित होती है।

इससे पहले, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर डॉ प्रोफेसर आचार्य ऋषि रंजन ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। वहीं, कुणाल षाडंगी ने बैलून उडाकर तथा दीप प्रज्वलित कर ‘माही’ अभियान की शुरुआत की।

इस मौके पर नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नागेंद्र सिंह, प्रो वाइस चांसलर डॉ प्रोफेसर आचार्य ऋषि रंजन, वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर की स्वाति कुमारी, सुभाष कुमार, बंधन कुमार, सौरभ मोहंती, नाम्या स्माइल फाउंडेशन से तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर नाम्या स्माइल फाउंडेशन के सदस्य डॉक्टर श्रद्धा सुमन, निधि केडिया, सतप्रीत सिंह, रिशु रंजन समेत अन्य व सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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