सीएम से मिला विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, सौंपा 9 सुत्री मांग पत्र
जमशेदपुर: झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमण्डल संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो राकेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर 9 सुत्री मांग पत्र सौंपा। माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि सरकार आप सभी के उचित मांगों को जरूर पूरा करेगी।
हमने आपका मानदेय यूजीसी के प्रावधानों को ध्यान में रखकर सम्मान जनक निश्चित मानदेय के लिए विभाग को बोला है। बहुत जल्द आपको इससे संबंधित सूचना प्राप्त हो जायेगी। सरकार शिक्षा और शिक्षकों के हित के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री जी के सौंपे गए मांग पत्र में निम्नलिखित मांग है शामिल
विभिन्न विश्वविद्यालयों में लगभग 700 घंटी आधारित शिक्षक कार्यरत हैं। इन सबकी नियुक्ति झारखंड सरकार के संकल्प संख्या के आलोक में विश्वविद्यालयों के द्वारा विज्ञापन निकाल कर यूजीसी के मापदंडों को पूरा करते हुए स्वीकृत पद पर किया गया है।
माननीय राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते हम सब आपके समक्ष निम्नलिखित समस्याओं को समाधान की आस में रख रहे हैं|
1. हमारे पद के साथ जोड़े गए घंटी आधारित शब्द/ नीड बेस्ड को हटाया जाय।
2. चूकि हमारी नियुक्ति स्वीकृत पद पर सहायक प्राध्यापक के रुप में हुई है, इसलिए हमें सहायक प्राध्यापक के तय वेतन मान प्रदान किये जाएं।
3. जेपीएससी द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में हमें 70℅ वरीयता प्रदान किये जाएं।
4. हमारे शैक्षणिक अनुभव को देखते हुए हमारी सेवा नियमावली बना कर नियमित की जाए। कारण हमारी नियुक्ति यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप हुई है।
5. हमें ईपीएफ की सुविधा प्रदान कराई जाए।
6. जेपीएससी के द्वारा आयोजित नियुक्ति प्रक्रिया में जिनकी नियुक्ति नहीं हो पाती, वैसे शिक्षकों को महंगाई भत्ता एवं एक निश्चित मानदेय के साथ 65 साल की आयु तक सेवा प्रदान की जाए।
7. हम सभी शिक्षकों को भी डी.एल प्रदान किये जाएं।
8. महिला शिक्षकों को पी.पी.लीव तथा मातृत्व अवकाश प्रदान किये जाएं।
9. अगर किसी विश्वविद्यालय में नियमित नियुक्ति से स्वीकृत पद भर जाये तो हमें विरमित न कर दूसरे विश्वविद्यालय में जहाँ स्वीकृत पद खाली हो वहाँ स्थानांतरित किया जाये। सभी शिक्षकों का आग्रह है कि हमारी उपरोक्त मांगों पर गंभीरता से विचार कर इसे पूरा कराने की कृपा करें। हम सब आपके इस उपकार के लिए सदैव अभारी रहेंगे। प्रतिनिधि मंडल में डॉ. प्रदेश महासचिव डॉ. संतोष कुमार, प्रदेश सचिव प्रो. प्रीति सोनकर, डॉ. विजय गगराई शामिल थे।