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बच्चों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा नहीं

जमशेदपुर । आजकल स्कूलों में बच्चों को इतिहास भूगोल की पढ़ाई पढा दी जाती है लेकिन बच्चों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा नहीं दी जाती है जिससे बच्चों में संस्कार की कमी होते जा रही है बच्चों को भारतीय संस्कृति के बारे में बच्चों को जानकारी नहीं है जाती है बच्चे टेलिविजन और मोबाइल के माध्यम से विदेशी परम्परा का अनुकरण करते जा रहे हैं इसलिए समाज में गलत गतिविधियां हो रही है अपना पराया छोटे बड़े का सम्मान शिष्य गुरु का सम्बन्ध खत्म होते जा रहा है सरकार जितना भी कड़ा से कड़ा कानून बना लें जबतक बच्चों में संस्कार और संस्कृति की भावना नहीं आयेगी तबतक समाज में भ्रष्टाचार कम नहीं होगा संस्कार की कमी के कारण ही आज रक्षक ही भक्षक बन गए हैं बच्चों में संस्कार और संस्कृति की शिक्षा देने के लिए जिला प्रशासन के आग्रह पर सिंहभूम केन्द्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति जमशेदपुर के नेतृत्व में शहर के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन एक घंटा बच्चों को नैतिक शिक्षा दिया जाएगा जिसका प्रारूप और प्रक्रिया तैयार करने के लिए आज दिनांक ०५ ०५ २०२३ को शहर। के शिक्षाविद् लोगों की बैठक केन्द्रीय अध्यक्ष शिव पुजन सिंह की अध्यक्षता में डा रागिनी भूषण जी के निवास स्थान सोनारी में हुई ‍ जिसमें यह निर्णय लिया गया कि बच्चों के उम्र के अनुसार इसे ३ श्रेणियों में बांटा गया वर्ग १ से ४ और ५ से ७ और ८ से १० तक के बच्चो को अलग अलग तरह के पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी डा रागिनी भूषण प्रो स्नेहलता जी प्रो दिप्ती सिह अनिता सिंह अभय कुमार सिंह। दिनेश मंडल को दी गई ये लोग शहर के अन्य शिक्षाविद् बुद्धिजीवियों से सम्पर्क कर इसका विषय सूची तैयार करेंगे अगर इसमें सफलता मिलती है तो सचमुच आपलोग एक सभ्य और सुसंस्कृत समाज की बुनियाद रचने जा रहे हैं जो एक इतिहास बनेगा गर्मी छुट्टी बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक के परामर्श से प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी शहर के वैसे बुजुर्गों और बुद्धिजीवियों से आग्रह है कि जो लोग भी अपने निकटतम सरकारी स्कूलों में योगदान देना चाहते हैं वे मो न ६२०१७०७९६८ पर सम्पर्क कर अपना योगदान दे सकते हैं

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