मोदीनगर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खपाई जा रही थीं नकली दवाएं
राजेश कुमार झा गाजियाबाद
मोदीनगर। नकली दवाओं की जांच में पता चला है कि मोदीनगर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों और दिल्ली में दवाओं की सप्लाई दी जा रही थी। आरोपी रवि और उसके पिता नकली दवाओं के सप्लायर थे। पुलिस ने पिता रूपचंद को गिरफ्तार कर लिया था जबकि रवि की तलाश की जा रही है। औषधि विभाग और मोदीनगर पुलिस ने शुक्रवार शाम नगर की गोंविदपुरी कॉलोनी स्थित मकान पर छापा मारकर नकली दवाओं के कारोबार का भंडाफोड़ किया था। टीम ने यहां से 50 लाख से अधिक की नकली दवाएं बरामद की।
डीसीपी ग्रामीण जोन रविकुमार ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि जिला औषधि विभाग निरीक्षक अनुरोध कुमार और आशुतोष मिश्रा की टीम के साथ मोदीनगर पुलिस ने शुक्रवार शाम गोविंदपुरी की छोटी मार्केट निवासी रूपचंद के मकान पर छापेमारी पहुंची। टीम को रूपचंद के दूसरे मकान से 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की नकली दवाएं बरामद हुईं। नकली दवाओं का मास्टर माइंड रूपचंद का पुत्र रवि कुमार फरार हो गया। पुलिस ने दवाओं को कब्जे में लेकर आरोपी रूपचंद को गिरफ्तार कर लिया।
मोदीनगर। नकली दवाओं की जांच में पता चला है कि मोदीनगर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों और दिल्ली में दवाओं की सप्लाई दी जा रही थी। आरोपी रवि और उसके पिता नकली दवाओं के सप्लायर थे। पुलिस ने पिता रूपचंद को गिरफ्तार कर लिया था जबकि रवि की तलाश की जा रही है। औषधि विभाग और मोदीनगर पुलिस ने शुक्रवार शाम नगर की गोंविदपुरी कॉलोनी स्थित मकान पर छापा मारकर नकली दवाओं के कारोबार का भंडाफोड़ किया था। टीम ने यहां से 50 लाख से अधिक की नकली दवाएं बरामद की।
डीसीपी ग्रामीण जोन रविकुमार ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि जिला औषधि विभाग निरीक्षक अनुरोध कुमार और आशुतोष मिश्रा की टीम के साथ मोदीनगर पुलिस ने शुक्रवार शाम गोविंदपुरी की छोटी मार्केट निवासी रूपचंद के मकान पर छापेमारी पहुंची। टीम को रूपचंद के दूसरे मकान से 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की नकली दवाएं बरामद हुईं। नकली दवाओं का मास्टर माइंड रूपचंद का पुत्र रवि कुमार फरार हो गया। पुलिस ने दवाओं को कब्जे में लेकर आरोपी रूपचंद को गिरफ्तार कर लिया।
छह ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाएं की जा रही थी सप्लाई
गोविंदपुरी से पश्चिमी उत्तर और दिल्ली के कई इलाकों में नकली दवाएं बड़े स्तर पर सप्लाई की जा रही थीं। पूछताछ के दौरान रूपचंद ने बताया कि नकली दवाइयों की सबसे ज्यादा मांग एनसीआर में थी। पिता-पुत्र मुख्य रूप से सन फार्मा, सिपला, टोरेन्ट, कैडिला, ल्यूपिन और मैक्लॉड्स फार्मा जैसी ब्रांडेड की कपंनियों की नकली दवाएं बाजार में सप्लाई कर रहे थे। इनमें मुख्य रूप से कोलेस्ट्रोल, दर्द निवारक, कैल्श्यिम, एसिडिटी और बीपी की दवाएं थीं, जिन्हें बाजार में आसानी से खपाया जा रहा था।
श्रीराम पिस्टन में चोरी करते पकड़ा गया तो फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में उतरा रवि
नकली दवाइयों का सौदागर रवि इंटरमीडिएट है। पूछताछ के दौरान पिता रूपचंद ने बताया कि रवि पहले श्रीराम पिस्टन में काम करता था। वहां से कीमती सामान चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। उसके बाद रवि को कंपनी से निकाल दिया गया। बेरोजगार रवि ने गाजियाबाद स्थित एक फार्मास्यूटिकल फर्म में काम किया। औषधि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहां भी नकली दवाइयों का कारोबार होता था। रवि ने यहीं से नकली दवाओं के बारे में सीखा और खुद नकली दवाइयों के कारोबार में उतर गया। रवि करीब एक दशक से नकली दवाइयों का धंधा कर रहा था। उसने इस कारोबार के जरिये करीब पांच करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। इस धंधे में रवि के कई रिश्तेदार भी शामिल हो सकते हैं।
एक साल पूर्व लिया था लाइसेंस
औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि लगभग एक साल पूर्व रवि ने आरके फार्मास्यूटिकल के नाम से दवाइयों की होलसेल बिक्री का लाइसेंस लिया था। इससे पहले उसने दिल्ली में भी दवाइयों का कारोबार किया था। यहां छापा पड़ने के बाद रवि ने ऑफिस बंद कर दिया। इसके बाद वह गोविंदपुरी स्थित अपने मकान से ही माल सप्लाई कर रहा था। दूसरे मकान को उसने गोदाम बनाया हुआ था। किसी को शक ने हो इसलिये रवि माल बस से ही मंगवाता था। ज्यादातर माल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से आता था।
एक अन्य दुकान भी सील की
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच में एक अन्य दवा विक्रेता की भूमिका सामने आ रही है। हापुड़ रोड स्थित यह दुकान महीने में एक दो बार ही खोली जाती थी। संदिग्धता के आधार पर टीम ने सूरज फार्मा के नाम की इस दुकान को सील कर दिया है।
सन फार्मा की शिकायत पर हुई कार्रवाई
औषधि निरीक्षक ने बताया कि सन फार्मा ने लगभग एक माह पूर्व मोदीनगर क्षेत्र में उनकी कंपनी की कोलोस्ट्रोल की दवा की नकली खेप सप्लाई होने की शिकायत की थी। इसके बाद विभाग ने जांच पड़ताल की तो नकली दवा के कारोबार का भंड़ाफोड़ हुआ। विभाग नकली दवा के कारोबार में बड़ा गिरोह शामिल होने का अंदेशा है।
दवाओं के उत्पादन और सप्लाई पर जांच जारी
नकली दवाएं कहां से आती थीं और किसे-किसे सप्लाई की जाती थी, इसकी जांच अधिकारी कर रहे हैं।
रवि कुमार की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है। आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।
– रवि कुमार, डीसीपी ग्रामीण जोन
उपनिरीक्षक ने कराई रिपोर्ट दर्ज
छापेमारी की रिपोर्ट गोविंदपुरी चौकी पर तैनात उपनिरीक्षक मनोज नेहरा की ओर से धारा 419,420,274,275 और 276 के अलावा औषधि अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।