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महाप्रबंधक नाबार्ड ने पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला- खरसावां जिले का किया क्षेत्र भ्रमण

कौशल विकास परियोजना का किया उदघाटन, कहा- ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए सृजित होंगे रोजगार के अवसर

जमशेदपुर। गौतम कुमार सिंह महाप्रबंधक नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालय झारखण्ड रांची ने नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित कौशल विकास परियोजना के अंतर्गत बारीडीह, जमशेदपुर में सिलाई ऑपरेटर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन किया। ज्ञात हो नाबार्ड और टाटा स्टील फाउंडेशन के समन्वय से जारी वर्ष 2021-22 के दौरान पूर्वी सिंहभूम एवं सरायकेला खरसावां जिले के 135 ग्रामीण युवक एवं युवतियों को सिलाई ऑपरेटर और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर से जोड़ा जाएगा। महाप्रबंधक नाबार्ड ने बताया कि 2021-22 के स्वीकृत कौशल विकास परियोजना के अंतर्गत 75 ग्रामीण युवतियों को सिलाई ऑपरेटर का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा और इन प्रशिक्षुओं को रेडीमेड गारमेंट्स की निर्यातक कंपनी शाही एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड मे सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा। शेष 60 ग्रामीण युवक युवतियों को हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें सम्बंधित गतिविधियों के अच्छे होटल -रेस्टुरेंट मे नौकरी मिल जाएगी। इस अवसर पर सिद्धार्थ शंकर जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड, देवदूत मोहन्ती, सेक्रेटरी टाटा स्टील फाउंडेशन, चंदना सुमन, सहायक प्रबंधक नाबार्ड आदि उपस्थित थे।
महाप्रबंधक नाबार्ड ने नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित आजीविका उद्यमी विकास परियोजना की प्रगति का भी जायजा लिया। इस परियोजना के अंतर्गत पटमदा प्रखंड की 90 महिलाओं को मसाला एवं दाल उत्पादन सह प्रसंस्करण की गतिविधि पर एनजीओ टाइगर सोसायटी फॉर रूरल डेवलपमेंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत मसालों एवं दाल की एक लघु प्रसंस्करण इकाई की भी स्थापना की गई है। इसके अलावा पटमदा प्रखंड के नीमडीह में सबर और महली समुदाय के हैंडीक्राफ्ट कारीगरों के लिए नाबार्ड वित्त पोषित ओएफपीओ परियोजना का भी भ्रमण किया गया। ज्ञात हो इस परियोजना के अंतर्गत इन कारीगरों की क्राफ्टट्राइब प्रोडूसर कंपनी बनाई गई है। इनके उत्पाद को उच्च गुणवत्ता की ट्रेनिंग के अलावा मार्केटिंग के लिए भी देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध मेलो, प्रदर्शिनी में भेजा जा रहा है। सिद्धार्थ शंकर, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड ने बताया कि इन कामगारों के द्वारा बनाए जा रहे उत्पाद कि बिक्री अमेजन जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से भी हो रहा है। परियोजना की कार्यकारिणी संस्था एनजीओ अंबालिका है।

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