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मकर राशि में बृहस्पति होंगे मार्गी: सभी बारह राशियों के जीवन में आयेंगे क्या बड़े बदलाव


जमशेदपुर;18 अक्टूबर सोमवार के दिन 2 ग्रह मार्गी हो रहे हैं। इनमें से जहां एक ग्रह बुध है तो दूसरा ग्रह है बृहस्पति। बृहस्पति ग्रह मकर राशि में मार्गी होने जा रहा है। मार्गी का अर्थ हुआ कि बृहस्पति ग्रह जो अब तक मकर राशि में वक्री स्थिति में था वह अब मकर राशि में ही मार्गी स्थिति अर्थात सीधी स्थिति में होने जा रहा है।मार्गी बृहस्पति आपके जीवन को कैसे प्रभावित करने वाला है। साथ ही जानते हैं बृहस्पति मार्गी होने का समय और सभी 12 राशियों पर इसका पड़ने वाला शुभ अशुभ प्रभाव।

*मकर राशि में मार्गी बृहस्पति:*
ज्योतिष के अनुसार जब एक ग्रह वक्री चाल चलता है या वक्री स्थिति में होता है तो अक्सर देखा गया है कि इसका जातकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में जब बृहस्पति ग्रह वक्री होता है तो जातकों के स्वभाव में अहंकार बढ़ने लगता है और अब जब 18 अक्टूबर 2021 सुबह 11 बज कर 39 मिनट पर बृहस्पति मकर राशि में मार्गी होगा तो संभावना है कि इससे व्यक्ति के जीवन में बृहस्पति ग्रह की सकारात्मकता में वृद्धि होगी।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह (गुरु ग्रह)
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ कहा जाता है और यही वजह है कि इसका एक नाम गुरु भी है। बृहस्पति ग्रह की कृपा जिन व्यक्तियों के जीवन पर पड़ती है उन व्यक्तियों के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है साथ ही ऐसे लोग हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हैं।

कुंडली में बलि गुरु के प्रभाव: जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत या शुभ स्थिति में होता है। ऐसे व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाते हैं। शिक्षा में शानदार होते हैं। जीवन में धन लाभ मिलता है। इसके अलावा गुरु ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक और दान पुण्य करने वाले स्वभाव के होते हैं।

कुंडली में पीड़ित गुरु के प्रभाव: वहीं बात करें पीड़ित गुरु की अर्थात जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर स्थिति में होता है ऐसे व्यक्तियों को जीवन के अलग क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी उनके जीवन में तमाम परेशानियां आने लगती हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्तिओं को नौकरी और व्यापार में भी तमाम समस्याओं को उठाना पड़ता है।

कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपाय
जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं या पीड़ित अवस्था में होते हैं ऐसे व्यक्तियों को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि वैदिक ज्योतिष में ऐसे लोगों की समस्या का निदान छुपा है अर्थात, ज्योतिष में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से व्यक्ति अपनी कुंडली में मौजूद पीड़ित गुरु को मजबूत कर सकता है और उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकता है।

गुरुवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुरू कर दें।
गुरुवार के दिन धन का लेनदेन ना करें। अर्थात ना ही किसी को कर्ज दे और ना ही किसी से उधार लें।
अपने माथे पर केसर का तिलक लगाएं और मुमकिन हो तो गुरुवार का उपवास करें।
गुरुवार के दिन यदि आप जरूरतमंदों को पीले रंग की वस्तुओं का दान करते हैं तो भी गुरु ग्रह से संबंधित शुभ और सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
इस दिन केले के पेड़ की पूजा करें और बेसन के लड्डू या बेसन
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बृहस्पति को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है। वहीं वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति को ज्ञान और कृपा का ग्रह माना जाता है। साथ ही बृहस्पति को ‘गुरु’ के नाम से भी जाना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ ‘शिक्षक’ होता है। ठीक इसी नाम की तरह बृहस्पति किसी भी जातक के जीवन में शिक्षक या गुरु का कारक होता है। किसी महिला की कुंडली में यह पति का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा किसी जातक के अंदर धर्म के प्रति झुकाव और आस्था का कारक भी बृहस्पति को ही माना जाता है। इसे सुख और समृद्धि के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है।

बृहस्पति लगभग एक वर्ष तक किसी राशि में स्थित रहता है। बृहस्पति अपनी संरचना, लंबी गोचर अवधि और जातकों के जीवन पर अपने प्रभाव की वजह से वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह के रूप में देखा जाता है। बृहस्पति का गोचर किसी जातक के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आता है जबकि शनि और बृहस्पति का गोचर जातक के जीवन में विवाह और संतान की परिस्थितियों का निर्माण करता है। साथ ही बृहस्पति का प्रभाव किसी जातक के जावन में सुख और समृद्धि लेकर आता है।

जब किसी जातक की जन्म कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में होता है तो यह जातक को नैतिकता, संतुष्टि, आशावाद और बुद्धि प्रदान करता है लेकिन यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर स्थिति में हो तो ऐसे जातकों के अपने शिक्षकों के साथ अच्छे संबंध नहीं रहते हैं और उनके अंदर अहंकार व अपरिपक्वता पैदा होती है। साथ ही यह आपके सुखी जीवन को भी प्रभावित करता है। वक्री बृहस्पति आमतौर पर अनिश्चित परिणाम प्रदान करता है। हालांकि, इस दौरान इसके प्रभावों में वृद्धि हो जाती है। बृहस्पति के प्रभाव में कोई भी जातक भविष्य के दृष्टिकोण से सही या ग़लत रास्ते को चुनने के बजाय अपनी रुचि का काम करने को लेकर ज़्यादा उत्साहित रहता है। इस दौरान जातकों के स्वभाव में अहंकार की भावना में वृद्धि होने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में बृहस्पति का वक्री अवस्था से बाहर आना बृहस्पति की सकारात्मकता में वृद्धि करता है। हालांकि बृहस्पति के नीच होने से इसके प्रभावों में कमी आती है।

बृहस्पति 18 अक्टूबर, 2021 को सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर मकर राशि में मार्गी होगा और 20 नवंबर, 2021 यानी कि कुंभ राशि में जाने तक इसी स्थिति में रहेगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि मार्गी बृहस्पति का सभी 12 राशियों के जीवन में क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है और साथ ही यह भी जानते हैं कि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के क्या उपयुक्त उपाय हो सकते हैं।

*मेष राशि*
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में मार्गी होगा। पेशेवर दृष्टिकोण से देखा जाए तो नौकरीपेशा जातकों के लिए यह अवधि औसत रूप से फलदायी रहने की संभावना है। कार्यस्थल पर आपका विकास धीमी गति से हो सकता है। वहीं जो जातक पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें इसके लिए थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। जबकि फ़्रेशर्स को अपने लिए उपयुक्त नौकरी खोजने के लिए इस दौरान काफ़ी संघर्ष करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस दौरान आपके ख़र्चे आपकी आमदनी से ज़्यादा रहने की आशंका है जिसकी वजह से आप पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। ऐसे में आपको यह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें अन्यथा आपको नकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। निजी जीवन के दृष्टिकोण से इस दौरान आप अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने में असमर्थ रह सकते हैं जिसकी वजह से आपके पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल हो सकती है। साथ ही आपका भाग्य भी इस अवधि में आपका ज़्यादा साथ नहीं देता नजर आ रहा है जिसकी वजह से इस दौरान आपको आवश्यकता से अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है, फिर चाहे वह व्यक्तिगत जीवन में संबंधों को बनाए रखने के लिए हो या फिर पेशेवर जीवन में अपने बॉस से अच्छे रिश्ते बनाए रखने के लिए हो।

उपाय: प्रतिदिन अपने माथे पर हल्दी का तिलक लगाएं!

*वृषभ राशि*
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके नौवें भाव यानी कि पिता, यात्रा और भाग्य के भाव में मार्गी होगा। इस दौरान आपके पिता को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की आशंका है जिसकी वजह से आप मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं। इस अवधि में आप किसी काम के सिलसिले से कुछ यात्राएं भी कर सकते हैं जो कि आपके लिए ज़्यादा फलदायी नहीं रह सकती हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इन यात्राओं के दौरान सावधान रहें क्योंकि आशंका है कि आप कोई आभूषण या कोई कीमती वस्तु खो सकते हैं। इस अवधि में आपके अंदर नास्तिक दृष्टिकोण पनप सकता है जिसकी वजह से आप धार्मिक स्थलों पर जाने से कतरा सकते हैं। साथ ही आपका आत्मविश्वास भी इस दौरान डगमगा सकता है जो कि आपके अंदर कई नकारात्मक विचारों को जन्म दे सकता है। आशंका है कि आपकी कड़ी मेहनत और प्रयास के बावजूद आपको इस अवधि में उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं प्राप्त होंगे। हालांकि आपके जीवन में स्थिरता बनी रह सकती है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो कार्यक्षेत्र में आपका अपने वरिष्ठों से किसी बात पर विवाद या बहस हो सकती है जिससे आपके बॉस की नज़रों में आपकी नकारात्मक छवि बन सकती है। आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने क्लाइंट्स से डीलिंग करते समय विनम्र रहें और अपने प्रबंधन (मैनेजमेंट) से किसी भी प्रकार की उग्र बातचीत करने से बचें।

उपाय: गुरुवार के दिन बच्चों को पीले रंग के वस्त्र दान करें!

*मिथुन राशि*
मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके सातवें और दसवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके आठवें भाव यानी कि व्यवहार में कठोरता, हानि और रहस्य के भाव में मार्गी होगा। व्यावसायिक रूप से देखा जाए तो यह अवधि आपके लिए औसत रूप से फलदायी सिद्ध हो सकती है। व्यावसायिक रूप से आपको ज़्यादा सावधान रहने की सलाह दी जाती है अन्यथा आप किसी ग़लत डीलिंग/सौदे में फंस सकते हैं। मार्केट में आपके उत्पाद और सेवाओं की मांग में गिरावट आ सकती है। इसलिए आपको यह भी सलाह दी जाती है कि अपने मौजूदा ग्राहकों से संबंध बना कर रखें और उन्हें उत्पाद ख़रीदने के लिए मनाने की हर संभव कोशिश करें। आपको अपनी मार्केटिंग रणनीतियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस दौरान किसी भी छोटी अवधि की पॉलिसीज़ में निवेश करना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से इस दौरान मिथुन राशि के जातक अपनी आमदनी और ख़र्चों के बीच संतुलन बनाए रखने में सक्षम रह सकते हैं। व्यक्तिगत रूप से देखा जाए तो इस दौरान आप अपने जीवनसाथी के प्रति अधिक विनम्र और समर्पित नजर आ सकते हैं। संभावना है कि आप इस अवधि में उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और उनकी हर छोटी-बड़ी ख़्वाहिशों को समझने और उन्हें पूरा करने का प्रयास करते नज़र आएंगे। लेकिन आप अपने आस-पास के लोगों को लेकर असंतुष्ट रह सकते हैं क्योंकि वे आपको ज़्यादा समझदार और सहयोगी नहीं लग सकते हैं।

उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें!

*कर्क राशि*
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके छठे और नौवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके सातवें भाव यानी कि व्यवसाय, विवाह और साझेदारी के भाव में मार्गी होगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपका अपनी टीम के सदस्यों और सहकर्मियों से किसी बात पर विवाद हो सकता है जिससे आपकी मानसिक शांति भंग हो सकती है। साथ ही आपको कुछ ऐसे ख़र्चों का सामना करना पड़ सकता है जिसका आपको पहले से कोई अंदाज़ा नहीं होगा और इसी वजह से आपका बजट भी बिगड़ सकता है। आशंका है कि कार्यक्षेत्र में अत्यधिक कार्यभार होने के कारण आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कर्क राशि के जो जातक ख़ुद के व्यवसाय में हैं, उन्हें इस दौरान अपने व्यवसाय के विस्तार और विकास के लिए कोई भी नया बदलाव न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि आपको उससे अनुकूल परिणाम न मिलने की आशंका है। वहीं जो जातक वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उनका अपने जीवनसाथी के साथ किसी बात पर बार-बार झगड़ा हो सकता है और आप दोनों के बीच आपसी समझ में भारी कमी देखी जा सकती है। इस दौरान आपके जीवनसाथी को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा यदि आप लीवर से जुड़ी किसी समस्या या मधुमेह से ग्रसित हैं तो आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच कराएं अन्यथा आगे चल कर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।

उपाय: प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं!

*सिंह राशि*
सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके छठे भाव यानी कि शत्रु, ऋण और रोग के भाव में मार्गी होगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आप अपने पेशेवर जीवन में कुछ विकास देख सकते हैं। आप अपने कौशल को साबित करने और अच्छा-ख़ासा प्रोत्साहन हासिल करने में सफल रह सकते हैं। कार्यक्षेत्र में कामकाज का माहौल अस्त-व्यस्त रहने की आशंका है लेकिन यदि आप अपने काम पर अच्छी पकड़ रखते हैं तो आपके लिए चीज़ें बेहतर होती दिखाई देंगी। वहीं जो जातक कोई नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें इस कार्य के लिए कुछ समय और इंतज़ार करना पड़ सकता है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो व्यवसायी जातकों को इस दौरान अपने व्यवसाय के विस्तार और विकास के लिए मार्केट से कर्ज़ लेना पड़ सकता है। सिंह राशि के जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहने की संभावना है। इस दौरान आपका रिश्ता बेहतर रह सकता है और आप अपने साथी के साथ अच्छी समझ बनाने में सक्षम रह सकते हैं। यदि आप अपने रिश्ते को एक कदम आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं तो आपको नवंबर तक इंतज़ार करना पड़ सकता है जब तक कि बृहस्पति अगली राशि यानी कि कुंभ राशि में प्रवेश न कर जाए।

उपाय: अपने माथे पर केसर चंदन का तिलक लगाएं!

*कन्या राशि*
कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके चौथे भाव और सातवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके पांचवें भाव यानी कि संतान, प्रेम और रोमांस के भाव में मार्गी होगा। पेशेवर रूप से देखा जाए तो आपको नई परियोजनाओं और कुछ नया काम शुरू करने से उत्तम लाभ प्राप्त होने की संभावना है। जो जातक नौकरीपेशा हैं, उन्हें अपने कायक्षेत्र में कुछ संघर्षों और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है चूंकि इस दौरान आपके द्वारा की गई मेहनत और प्रयासों को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। हालांकि आपके रिश्ते अपने सहकर्मियों के साथ सौहार्दपूर्ण बने रहने की संभावना है। शिक्षा के दृष्टिकोण से छात्रों के लिए यह अवधि औसत रूप से फलदायी रह सकती है। छात्रों को अपने विषयों को समझने और उन्हें याद रखने में कुछ समस्याएं आ सकती है जिसका नकारात्मक प्रभाव उनकी परीक्षा के परिणामों पर पड़ सकता है। ऐसे में आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने आलस्य को त्याग दें और ध्यान केंद्रित कर अपनी पढ़ाई करें। कन्या राशि के जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उन्हें इस दौरान अपने साथी के साथ संबंधों में कुछ विवादों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आप दोनों ही इस दौरान समझदारी का परिचय देने और स्थिति को नियंत्रित करने में अक्षम रह सकते हैं। आशंका है कि इसकी वजह से आपके बीच विवाद बढ़ सकता है और स्थिति अनियंत्रित हो सकती है।

उपाय: गुरुवार के दिन भगवान नारायण की पूजा करें और उन्हें पीले फूल चढ़ाएं!

*तुला राशि*
तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके चौथे भाव यानी कि सुख, आराम और माता के भाव में मार्गी होगा। तुला राशि के वे जातक जो व्यवसायी हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल रहने की संभावना है क्योंकि उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत सकारात्मक परिणाम लेकर आ सकती है। इसके अलावा वे जातक जो खाद्य उद्योग या फिर बिजली से चलने वाले यंत्र का उत्पादन करते हैं, उनके लिए भी यह अवधि अनुकूल रह सकती है क्योंकि इस दौरान बाज़ार में ऐसे उत्पादों की मांग में वृद्धि देखने को मिल सकती है। आपको यह सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप सट्टा बाज़ारों जैसे कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट आदि में निवेश करने से बचें क्योंकि इसमें आपको नुकसान होने की आशंका अधिक है। जो जातक वकील बनने या न्यायाधीश (जज) बनने के लिए अभ्यासरत हैं यानी कि प्रैक्टिस कर रहे हैं, वे इस दौरान अपने करियर में वृद्धि देख सकते हैं। वहीं पढ़ाई कर रहे तुला राशि के छात्रों को दबाव महसूस हो सकता है क्योंकि इस अवधि में उनके पाठ्यक्रम (सिलेबस) में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन उनकी कड़ी मेहनत अंत में उनके लिए सकारात्मक फल लेकर आ सकती है। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आप कोई नया निर्माण कार्य या फिर अपने घर का नवीनीकरण करने के लिए धन ख़र्च कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी पुरानी संपत्ति में भी निवेश कर सकते हैं। आशंका है कि इस अवधि में आप अपने घर पर अशांति व असहज महसूस कर सकते हैं क्योंकि इस दौरान आपके घर के सदस्य आप पर कई तरह के प्रतिबंध लगा सकते हैं या फिर रोक-टोक कर सकते हैं।

उपाय: ज़रूरतमंद बच्चों को स्टेशनरी और यूनिफ़ॉर्म दान करें!

*वृश्चिक राशि*
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके दूसरे भाव और पांचवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके तीसरे भाव यानी कि संवाद, यात्रा, बल और भाई-बहन के भाव में मार्गी होगा। पेशेवर जीवन के रूप से देखा जाए तो नौकरीपेशा जातकों को इस अवधि में धीमी गति से परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपको अपनी वर्क प्रोफ़ाइल की वजह से किसी भी प्रकार के स्थानांतरण या प्रवास के लिए थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। वहीं जो जातक नई नौकरी की तलाश में हैं या फिर अपनी नौकरी में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी इस कार्य के लिए नवंबर माह तक इंतज़ार करना पड़ सकता है, जब तक कि बृहस्पति अगली राशि यानी कि कुंभ राशि में मार्गी नहीं हो जाता। व्यक्तिगत रूप से इस दौरान आप अधिक ऊर्जावान रह सकते हैं लेकिन आपके उत्साह और जोश में कमी आ सकती है जिसके कारण आपको अपने प्रयासों के बावजूद सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके संबंध अपने भाई-बहनों के साथ औसत रूप से बेहतर रह सकते हैं लेकिन आपके बीच प्रेम व स्नेह की कमी देखी जा सकती है। इसके अलावा इस दौरान आपके और आपके दोस्तों के बीच कुछ ग़लतफ़हमी पैदा हो सकती है जो कि आपकी मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है। वहीं आपको अपने पिता से व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में कुछ सहयोग प्राप्त हो सकता है।

उपाय: गुरुवार के दिन व्रत रखें और व्रत के दिन एक बार बेसन की मिठाई का सेवन करें!

*धनु राशि*
धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके पहले भाव और चौथे भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके दूसरे भाव यानी कि परिवार, वाणी और संवाद के भाव में मार्गी होगा। व्यक्तिगत जीवन में आप अपने आसपास की परिस्थितियों में सुधार होता देख सकते हैं। इस दौरान आप अपनी अतीत की सभी समस्याओं का हल पाने में सक्षम रह सकते हैं और मानसिक रूप से ख़ुद को तनावमुक्त महसूस कर सकते हैं। इस दौरान आपकी संवाद करने की शैली में भी निखार आने की संभावना अधिक है। धनु राशि के विवाहित जातकों को इस अवधि में परिवार के दबाव के कारण अपने संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव और तनाव का सामना करना पड़ सकता है। आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी के साथ थोड़ा वक़्त बिताएं और सभी मतभेदों को सुलझाने का प्रयास करें अन्यथा आपको अपने रिश्ते में कुछ बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पेशेवर रूप से देखा जाए तो नौकरी की तलाश कर रहे जातकों को कुछ अच्छे प्रस्ताव पाने के लिए थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह अवधि उन जातकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो पहले से कुछ बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्हें इस दौरान अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का सही उपचार मिलने की संभावना है।

उपाय: प्रतिदिन अपने माथे पर केसर का तिलक लगाएं!

*मकर राशि*
मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह अपनी स्वराशि में मार्गी होगा। इस दौरान मकर राशि के जातक अधिक व्यावहारिक रह सकते हैं और किसी भी काम को करने से पहले उस पर दो बार विचार करते नज़र आ सकते हैं। यदि आप प्रेम संबंध में हैं तो आपको आपके प्रिय के साथ संबंधों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं विवाहित जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको अपने घर से सदस्यों के साथ भी संबंधों में कुछ रूखेपन का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको यह सलाह दी जाती है कि इस दौरान आप शांति का परिचय दें क्योंकि कुछ समय में आपको अपने आस-पास की परिस्थितियां बेहतर होती दिखाई दे सकती हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो आपको यह सलाह दी जाती है कि आप इस दौरान किसी भी प्रकार का निवेश करने से बचें क्योंकि इससे आपको नुकसान होने की आशंका है। साथ ही आपको यह भी सलाह दी जाती है कि किसी को भी पैसे उधार के तौर पर न दें और अपनी बहुमूल्य वस्तुओं का ख़्याल रखें क्योंकि आशंका है कि इस दौरान आप किसी चोरी या बड़े नुकसान का शिकार हो सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको यह सलाह दी जाती है कि बदलते मौसम में अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ख़्याल रखें क्योंकि इस दौरान आपका स्वास्थ्य नाज़ुक रह सकता है।

उपाय: गुरुवार के दिन ग़रीब बच्चों या बुज़ुर्गों को केले दान करें!

*कुंभ राशि*
कुंभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और आध्यात्मिकता के भाव में मार्गी होगा। इस दौरान आप किसी संपत्ति की ख़रीद व बिक्री कर सकते हैं क्योंकि आप इस अवधि में अच्छी डील यानी कि सौदा करने में सफल रह सकते हैं। साथ ही आप इस अवधि में लंबे समय से चली आ रही स्वास्थ्य समस्याओं का हल पाने में भी सफल रह सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन में इस दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर रह सकता है और आप अपने मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए योग और ध्यान जैसे अभ्यासों को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपके अंदर आध्यात्मिक झुकाव की वजह से किसी गुरु को पाने की इच्छा प्रबल हो सकती है लेकिन आप इस कार्य में असफल रह सकते हैं। पेशेवर जीवन के रूप से देखा जाए तो यह अवधि उन जातकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो विदेशी बाज़ारों या विदेश के ग्राहकों से डीलिंग का काम करते हैं। इस दौरान आप कुछ बहुत अच्छे सौदे करने में सक्षम रह सकते हैं। वहीं जो जातक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं, वे इस दौरान अपने करियर में वृद्धि देख सकते हैं क्योंकि आपके उत्पादों की बिक्री, आपकी सेवाएं और ग्राहकों के प्रति आपके व्यवहार में सुधार आने की संभावना है।

उपाय: गुरुवार के दिन नारायण मंदिर में पीली दाल का दान करें!

*मीन राशि*
मीन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति उनके दसवें और पहले भाव का स्वामी है और इस काल के दौरान यह उनके ग्यारहवें भाव यानी कि इच्छा, लाभ और कमाई के भाव में मार्गी होगा। पेशेवर जीवन में इस दौरान आप लक्षित आमदनी को प्राप्त करने में असफल रह सकते हैं। साथ ही आशंका है कि मार्गी बृहस्पति की इस अवधि के दौरान आपका धन कहीं अटक भी सकता है। इस दौरान जो व्यवसायी जातक अपने व्यवसाय का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें थोड़ा और इंतज़ार करने की सलाह दी जाती है, जब तक कि बृहस्पति अपनी नीच राशि से बाहर न निकल जाए। इस दौरान आप अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए मेहनत कर सकते हैं लेकिन आशंका है कि आपको इसका संतोषजनक परिणाम नहीं प्राप्त होगा जो कि आपके लिए चिंता और स्वभाव में चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकता है। इस अवधि में आपके संबंध अपने भाई-बहनों से सुखद न रहने की आशंका है लेकिन आपका झुकाव भावनात्मक रूप से उनकी ओर रहेगा। आप उनकी फ़िक्र और उनके सहयोग को याद कर सकते हैं।

उपाय: अपने काम करने वाले हाथ में पीले रंग का इंद्रगोप मणि का ब्रेसलेट पहनें।

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