प्रयागराज : संसद जैसी अभेद्य होगी हाईकोर्ट की सुरक्षा, तकनीक के सहारे की जाएगी नाकाबंदी
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प्रयागराज; आने वाले समय में इलाहाबाद हाईकोर्ट की सुरक्षा संसद जैसी अभेद होगी। तकनीक के सहारे चप्पे-चप्पे पर नाकेबंदी की जाएगी। पूरे परिसर पर 24 घंटे नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा। वादकारियों, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों समेत अन्य के परिसर के भीतर प्रवेश के लिए यूनीक आईडी व्यवस्था भी जारी की जाएगी।
यह निर्णय मंगलवार को पुलिस लाइन में आयोजित हाईकोर्ट सिक्योरिटी रिव्यू कमेटी की हाईलेवल बैठक में लिया गया। लखनऊ से आए एडीजी सिक्योरिटी विनोद के सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सुरक्षा से जुड़े अन्य विभागों के साथ ही हैदराबाद की इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(ईसीआईएल) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक में सबसे पहले तय हुआ कि हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा में लगा संख्या बल बढ़ाया जाए। यह भी बात हुई कि हाईकोर्ट परिसर के बाहर यानी परिधि में आने वाले रास्तों पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं।
परिसर के भीतर लगे कैमरों के साथ ही सुरक्षा संबंधी अन्य उपकरणों की संख्या भी बढ़ाई जाए। बैगेज स्कैनर, डीएफएमडी की संख्या बढ़ाने के साथ ही और भी सुरक्षाकर्मियों को हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर से भी लैस करने पर विचार हुआ। पूरे परिसर की 24 घंटे अनवरत निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने पर भी चर्चा हुई। एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि सुरक्षा के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक के इस्तेमाल पर
भी चर्चा हुई।
इस तकनीक में डाटा भेजने और ग्रहण करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल होता है। जिसके तहत संबंधित व्यक्ति की पहचान टैग के जरिए की जाती है। इसमें संबंधितों को टैग के जरिए यूनिक आईडी दी जाती है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से डाटा का मिलान किया जाता है। फिलहाल अभी इस पर पूरी तरह से सहमति नहीं बन पाई है। बैठक में आईजी राकेश सिंह, डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंंह, एसपी हाईकोर्ट सुरक्षा समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।
मुकदमा वापसी की अर्जी खारिज
स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने जौनपुर के भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह और उनके समर्थकों पर दर्ज मुकदमा वापस किए जाने की अर्जी खारिज कर दी है। विशेष अदालत ने प्रकरण में अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप तय किए जाने के लिए 20 नवंबर की तारीख नियत की है और आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
यह आदेश स्पेशल कोर्ट के जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने शासन के निर्देश पर अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मुकदमा वापसी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। प्रकरण जनपद जौनपुर के कोतवाली का है। प्रभारी निरीक्षक रहे एके सिंह ने सुरेंद्र प्रताप सिंह और उनके 13 समर्थकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
पूर्व विधायक और उनके समर्थकों पर आरोप है कि कचहरी में धरना प्रदर्शन करने के लिए जाते समय ओलदंगंज चौराहे पर दुकानदारों से मारपीट की और जबरन उनकी दुकानें बंद कराई थीं। मौके पर पहुंची पुलिस के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था और पुलिस जीप व वायरलेस सेट को तोड़ तोड़ दिया था। साथ ही पुलिसकर्मियों पर हमला किया। घटना में पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं।
शासन के निर्देश पर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में 16 जुलाई 2021 को डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरी ने वाद वापसी की अर्जी प्रस्तुत की थी। कोर्ट ने कहा
कि आरोपितों के द्वारा जनमानस में विधि विरुद्ध कार्य किया गया है, जो लोकहित के विपरीत है। कोर्ट ने वाद वापसी की अर्जी को खारिज कर दी।