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तख्त श्री हरमंदिर साहिब प्रबंधन कमेटी में बढ़ेगी झारखंड की भागीदारी

हरपाल सिंह जोहल के निष्कासन पर मुहर लगाने की कोशिश
महेंद्र सिंह ढिल्लन को फैसला स्वीकार नहीं, 12 को अकाल तख्त तलब

जमशेदपुर। यदि सब कुछ प्रधान सरदार अवतार सिंह हित के पक्ष में रहा तो गुरु गोविंद सिंह जी की जन्म स्थली का प्रबंधन कर रही तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब कमेटी में झारखंड की भागीदारी बढ़ सकती है। इस आशय के संकेत मिलने लगे हैं। 2018 में को-ऑप्ट सदस्य सरदार हरपाल सिंह जोहल को कमेटी से निष्कासित कराने की कोशिश हो रही है और अब कमेटी पर पूरी तरह से सरदार अवतार सिंह हित की पकड़ है। प्रधान के साथ ही सभी पदाधिकारी चाहते हैं कि सरदार हरपाल सिंह जोहल के निष्कासन पर मोहर लगाकर पटना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा कस्टोडियन से संपुष्टि करा ली जाए और उसके बाद जनसंख्या के आधार पर झारखंड की भागीदारी बढ़ा दी जाए।
वैसे भी झारखंड धनबाद के सरदार सेवा सिंह ने हाई कोर्ट से मेंबर बढ़ाने की अपील की थी और यह सब हाईकोर्ट ने तात्कालिक प्रबंधन कमेटी पर छोड़ दिया था। यह मामला इसलिए भी ठंडे बस्ते पर चला गया कि बिहार की नीतीश सरकार नए सिरे से गुरुद्वारा प्रबंधन के लिए नया एक्ट बनाने की प्रक्रिया में लगी हुई है और भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी तथा बिहार के पूर्व मुख्य सचिव जी एस कंग को इसकी जिम्मेदारी दे रखी है।
पूछे जाने पर महासचिव इंदरजीत सिंह ने कहा कि वह अकाली दल नेतृत्व को यह समझाने में लगे हुए हैं कि झारखंड में सिखों की ज्यादा जनसंख्या है और इसकी भागीदारी बढ़नी चाहिए तथा इसके साथ ही उड़ीसा असम मणिपुर नागालैंड मिजोरम अरुणाचल प्रदेश त्रिपुरा मेघालय से भी प्रबंधन कमेटी में प्रतिनिधित्व होना चाहिए और तख्त के जत्थेदार भाई साहब ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन भी इसी पक्ष में है।

वैसे 25 जुलाई की बैठक में मात खा चुके निवर्तमान महासचिव महेंद्र सिंह ढिल्लन हार मानने के मूड में नहीं है। जबकि 30 जुलाई को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अवतार सिंह हित के पक्ष में फैसला दे दिया है लेकिन ढिल्लन ने पुनः इस फैसले पर विचार करने की अपील दायर की है।
इधर महेंद्र सिंह ढिल्लन के रुख से सिख जगत में काफी नाराजगी है और इसे देखते हुए सिखों की सर्वोच्च पीठ तख्त श्री अकाल तख्त अमृतसर के जत्थेदार ज्ञानी सिंह साहब सरदार हरप्रीत सिंह ने 12 अगस्त को महेंद्र सिंह ढिल्लन को तलब कर लिया है।


अब पूरे सिख जगत की नजर 12 अगस्त पर लगी हुई है कि वहां से क्या फैसला आता है। इधर नए महासचिव सरदार इंदरजीत सिंह प्रधान सरदार अवतार सिंह हित के कक्ष में बैठकर अपना दैनिक कार्य निपटा रहे हैं। वे कहते हैं कि सरदार महेंद्र सिंह ढिल्लन को सद्बुद्धि आए और वह कमरे की चाबी प्रबंधन कमेटी के सुपुर्द कर दें और पंथ की चढ़दी कला के लिए मिलकर काम करें।

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