नवरात्र के अंतिम दिन देवी के नौवें रूप यानी की सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। आज झारखंड क्षत्रिय महिला संघ ने हरिजन बस्ती भालुवाषा में कन्या भोजन का आयोजन किया। 25 से अधिक कन्याओं को खिलाया। संघ की अध्यक्ष कविता परमार ने कहा की कन्याओं की पूजन यानी शक्ति की पूजा होती है। नन्ही बच्चियों को हम जागरूक करने आए हैं कि किसी भी समस्या से तुम्हें डरना नहीं है क्योंकि आज पूरा समाज तुम्हें देवी के रूप में पूजा कर रहा है । पूरे देश में जिस रूप में आज तुम्हारा पूजन हो रहा है हमेशा उसी रूप में अपने आप को रखना है। मंजू सिंह ने कहा शक्ति के साथ सरस्वती का पूजन भी बहुत आवश्यक है तभी पूजा सफल होती है ।इसलिए आज हमने कॉपी ,पेंसिल, कलम तथा रबर भी दिया और बताया की जीवन की लड़ाई में इसकी सबसे अधिक अहम भूमिका है। हमने यह भी बताया की क्यों आज सभी लोग अपने घरों में कन्याओं का भोजन करते हैं। अपनी शक्ति का पता करना है इसके लिए हम सबको शिक्षित होना अनिवार्य है। हम सब की आंतरिक ऊर्जा का सतत प्रवाह जरूरी है. क्षत्रिय महिला संघकी सदस्यों ने कन्या भ्रूण हत्या तथा दहेज प्रथा बंद करने की सभीसे अपील की।
कार्यक्रम को सफल बनाने में कविता परमार, मंजू सिंह के साथ साथ मनोरमा सिंह, प्रीति चौहान, लवली सिंह, इंदु सिंह आरती तथा अनिता का योगदान रहा।