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गंजिया बराज परियोजना पर लग सकता है ग्रहण,ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियार से लैस होकर किया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन

कहा जान देंगे जमीन नहीं, ना मुआवजा चाहिए ना विस्थापन नीति स्वीकार्य,मिला झारखंड आंदोलनकारी बहादुर उरांव का समर्थन


सरायकेला- खरसावां जिला के गाजिया में संजय नदी पर बन रहे बराज को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है. शुक्रवार को ग्रामीणों ने पारंपरिक हरवे हथियार से लैस होकर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि पांचवी अनुसूची में शामिल जिला होने के बाद भी राज्य सरकार बगैर ग्रामसभा की स्वीकृति लिए बराज का निर्माण करा रही है जो असंवैधानिक है. ग्रामीणों कहा किसी कीमत पर परियोजना को धरातल पर उतरने नहीं दिया जाएगा.

उन्हें न मुआवजा चाहिए, न विस्थापन निति का लाभ. वहीं ग्रामीणों को समर्थन देने पहुंचे झारखंड आंदोलनकारी बहादुर उरांव ने सरकार और जिला प्रशासन से ग्रामीणों की मांग के अनुसार कार्य करने की नसीहत दी. उन्होंने भी कहा यदि ग्रामीण जमीन देना नहीं चाहते हैं तो उनकी जमीन को जबरन छीनना असंवैधानिक होगा.


इधर उपायुक्त अरवा राजकमल ने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाया है कि बगैर ग्राम सभा के किसी का जमीन नहीं लिया जाएगा. कुल मिलाकर गंजिया बराज निर्माण कार्य खटाई में पड़ता नजर आ रहा है, जबकि इस बाराज के बनने से दर्जनों गांव के लोगों को सिंचाई का सीधा लाभ मिलेगा. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि मामले का निष्पादन किस तरह से होता है.

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