आदिवासी संथाल समाज के लिए पंडित रघुनाथ मुर्मू महान विभूति है : महाबीर मुर्मू
जमशेदपुर।।बहरागोड़ा प्रखंड के अंतर्गत भूतिया पंचायत के जुगीशोल गांव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता महाबीर मुर्मू ने ओलगुरु पंडित रघुनाथ मुर्मू का उद्घाटन किया। विगत दिनों उसूल बुरू अपंगिर पाता कमिटी एवं बिदु चादन उतनाव गांवता जुगिशोल ने विगत दिनों श्री महाबीर से आग्रह किया किया था। उनके आग्रह को स्वीकार किया । जुगिशोल मेला (पाता) कमिटी ने महाबीर मुर्मू को आदिवासी पारंपरिक रूप से हाथ धोकर उनका स्वागत किया तत्पश्चात गांव के नायके बाबा ने विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद मूर्तिदाता महाबीर मुर्मू के करकमलों द्वारा मूर्ति का उद्घाटन किया !
मौके पर महाबीर मुर्मू ने कहा भारत में करीब 1652 से ज्यादा भाषा बोली जाती है और करीब 12 भाषा का लिपि है पंडित ओल गुरू पंडित रघुनाथ मुर्मू संथाली भाषा का लिपि को अविष्कार करके संथाल समुदाय का गौरव को बढ़ाने का काम किया है ।और पंडित रघुनाथ मुर्मू कवि के साथ लेखक भी थे । आदिवासी संथाल समाज को उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर आपका भाषा संस्कृति को संरक्षण एवं प्रचार प्रसार करने के लिए संताली ओल चिकी भाषा की पढ़ाई अवश्य करना चाहिए और उनके द्वारा रचना की “पारसी बाहा” बिदु चंदन”, “खेरवाल बीर” इत्यादि पुस्तक लिखकर आदिवासी समाज को रोशनी देने का काम किया । मौके पर आदित्य प्रधान , असित मिश्रा, सुषमा सोरेन, बाबुल मंडी, रबी चांद मंडी, रामचंद्र हांसदा, दुर्गा प्रसाद हांसदा, शिव चरण हेंब्रम, रॉकी सिंह, करन बीर कलंदी आदि उपस्थित थे।