अपनी हार देख बौखला गए हैं मिंदी: भगवान जो 80 साल में नहीं हुआ वह अब कैसे होगा
जमशेदपुर। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान पद के उम्मीदवार सरदार भगवान सिंह ने कहा कि उम्मीदवार हरमिंदर सिंह मिंदी अपनी हार देखकर बौखला गए हैं। उन्हें मालूम है कोल्हान का एक भी गुरुद्वारा की पूरी कमेटी उनके साथ नहीं है। उन्हें यह भी मालूम है कि वह दो अंक का आंकड़ा भी नहीं छू पाएंगे। इसलिए संगत को गुमराह करते हुए पांच सदस्यीय चुनाव समिति पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
हरविंदर सिंह मिंदी सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का संविधान एवं पूर्व में हुए चुनावों का इतिहास पढ़ लें तो बेवकूफी भरा बयान कभी नहीं देंगे। जो पिछले 80 साल में नहीं हुआ वह अब कैसे संभव है।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का संविधान 1943 में बना है और जिन स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों का चुनाव प्रक्रिया संपन्न नहीं होती थी उन्हें कभी भी सेंट्रल कमेटी के प्रधान पद के चुनाव में भागीदारी नहीं दी गई।
हरमिंदर सिंह पिछले चुनाव को याद करें जब गौरी शंकर रोड जुगसलाई गुरुद्वारा कमेटी, जेमको गुरुद्वारा कमेटी और बिष्टुपुर गुरुद्वारा कमेटी को मतदान का अधिकार नहीं मिला था। तब हरमिंदर सिंह ने उनकी आवाज क्यों नहीं उठाई थी? हरमिंदर सिंह हर चीज में अपना फायदा तलाश रहे हैं? हरमिंदर सिंह मंदी पंथ एवं कौम का भला और चढ़दी कलां के बारे में सोचे और चुनाव में हिस्सा लें।
वह गलत तर्क और बयान दे रहे हैं। यदि आज सोनारी, टीनप्लेट एवं सीतारामडेरा गुरुद्वारा कमेटी को वोटिंग का अधिकार दे दिया जाए तो फिर तो कभी भी स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों के चुनाव नहीं होंगे। हरमिंदर सिंह वाहेगुरु का नाम लेकर एवम दिल में हाथ रख कर बोलें क्या सोनारी, टीनप्लेट और सीतारामडेरा में सब कुछ सही है।
वास्तव में सरदार हरमिंदर सिंह पद लिप्सा में इतने गिर गए हैं कि भले- बुरे, सच-झूठ और सही-गलत का अंतर भी नहीं समझ पा रहे हैं। जब वे इस स्तर पर पहुंच गए हैं तो ऐसे व्यक्ति से कौम का भला कैसे हो सकता है। उन्होंने हरविंदर सिंह बिंदि एवं अन्य उम्मीदवारों से अनुरोध किया की 8 तारीख को होने वाले सी जीपीसी के चुनाव में मैं मर्दों की तरह चुनाव लड़े चुनाव में हार जीत तो होती ही है उसे संगत का आशीर्वाद समझे।