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12वीं में फेल छात्रों का पूरे बंगाल में प्रदर्शन, सड़कें जाम

कोलकाता। पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 12वीं की परीक्षा में फेल घोषित किए गए अनेक छात्रों ने शनिवार को राज्यभर में सड़कें जाम कर दी। इसके साथ ही एक स्कूल का फर्नीचर भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस साल कुल 97.69 फीसदी छात्र पास हुए हैं। विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ। ऐसे में किस तरह कुछ छात्रों को पास जबकि कुछ को फेल घोषित किया गया?

दरअसल इस साल पश्चिम बंगाल बोर्ड ने छात्रों के लिए 10वीं और 11वीं कक्षा में मिले अंकों के आधार पर मूल्यांकन प्रक्रिया तय की गई थी। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के आवास तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। डब्ल्यूबीसीएचएसई के एक अधिकारी ने बताया कि परिषद की अध्यक्ष महुआ दास इस मुद्दे पर कई स्कूलों के प्रमुखों से बात कर रही हैं।

स्‍कूल में छात्रों का उपद्रव
अधिकारियों ने कहा कि गुस्साए छात्र पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के इंदा कृष्णलाल शिक्षा निकेतन की कक्षाओं में घुस गए और खुद को पास किए जाने की मांग की। छात्रों ने इस स्कूल के फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, मुर्शिदाबाद जिले के हरिहरपाड़ा में भी परीक्षा में फेल कुछ छात्रों ने सरतपुर विद्यालय के पास सड़क जाम कर द‍िया और टायर जलाए।

‘बिना परीक्षा कराए कैसे किया फेल’
इसी तरह छात्रों ने मालदा जिले के हबीबपुर और उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम चौमाठा में भी सड़क जाम की। मध्यमग्राम में एक प्रदर्शनकारी छात्रा ने कहा कि इस साल कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गई। ऐसे में या तो हमें भी पास घोषित किया जाए या सभी को फेल घोषित किया जाए।

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