सोनाहातू । प्रखंड पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जंगली हाथियों का उत्पात कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण दहशत में हैं। रात भर जग कर समय बीता रहे हैं। मौत का खौफ ग्रामीणों के सर पर लगातार मंडरा रहा है।दूसरी ओर हाथियों के निरंतर बढ़ रहे आतंक के बावजूद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अबतक हाथियों को भगाने में नाकाम रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हालांकि वन विभाग की रेंजर, वनपाल समेत अन्य कर्मचारी गांव में जाकर स्थिति देख लेते हैं और ग्रामीणों को सांत्वना देकर वापस लौट जाते हैं। हाथियों के ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार उत्पात मचाने से दहशत बरकरार है। रविवार रात्रि सोनाहातू प्रखंड के कोंकाडीह, सावडीह, बांधडीह, हेशाडीह, पापरिदा, राणाडीह तथा नरसिंह लवाडीह गांव में जंगली हाथीयों का झुंड ने जमकर उत्पात मचाया है। सावडीह गांव के किसान सुभाष महतो, राजेन्द्र महतो, कालीचरण महतो, शिवचरण महतो, बुधेश्वर महतो, वशिष्ठ महतो, किष्नु महतो, लवेश्वर महतो, अक्षय महतो, पुइतु महतो, सुरेश चंद्र महतो, हेम्प्रशाद सिंह मुंडा, रमेश चन्द्र महतो, सुधीर महतो, तुलसी प्रमाणिक, चंद्रशेखर महतो, अतुल महतो, फुलेश्वर महतो, कामेश्वर सिंह मानकी, सागर महतो, गवर्धन महतो, परेश महतो और कोंकाडीह गांव के किसान सुभाष महतो महादेव महतो, अमित महतो, श्रीधर महतो, परमेश्वर महतो, शैलेश्वर महतो, मुंकु महतो, धनेश्वर महतो, सम्पूर्ण महतो, हिरोनी देवी, सतुला देवी, राजीव लचन महतो, नितेश महतो, बुधनी देवी, मनोज महतो आदि।सभी किसानों के लगभग 70 एकड़ जमीन खेत में तैयार लौकी,ननहुआ, मोकई फसल और धान बिचड़े को रौंदकर बर्बाद कर दिया है।ग्रामीण पीड़ित किसानों ने वन विभाग और प्रखंड मुख्यालय से मुआवजा देने की गुहार लगाई है।वही ग्रामीणों ने बताया की जंगली हाथीयों की संख्या लगभग 30-40 है। जो कि अलग तीन भाग में बंट गए हैं। हाथियों का झुंड हेशाडीह और राणाडीह जंगल में डेरा जमाए हुए है। वन विभाग के द्वारा लगातार भगाने का प्रयास किया जा रहा है।