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संघ अस्मिता,अस्तित्व और पहचान की लड़ाई लड़ रही है : बिर सिंह बुड़ीउली

चाईबासा। अनुसूचित क्षेत्र के रूप में सूचीवद्ध सरायकेला खरसावां के राजनगर प्रखंड अंतर्गत हेरमा पंचायत, मौजा- गोलेया में ग्रामीण मुंडा श्री शुभनाथ बांडरा जी की अध्यक्षता में एंव संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बुड़ीउली और सचिव सुरेश सोय के द्वारा ईचा खरकई बांध विरोधी संघ, कोल्हान की जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान का नेतृत्व करते हुए संघ के अध्यक्ष ने कहा कि ईचा डैम झारखंडी अस्मिता, अस्तित्व और पहचान की लड़ाई से जुड़ा हुआ परियोजना है। संघ इसे रद्द करने के लिए संघर्षरत है। अभियान चला कर 87 गांव को एक सूत्र में संगठित करने का काम कर रही है। ताकि इस जन आंदोलन को मुकाम तक सफलता पूर्वक पहुंचाया जाए। मौजा के खूंटकट्टी अधिकार युक्त रैयत, मौजा के मूल प्रवृत्तकों के वंशजों, बंदोबस्त रैयतों, अधिभोगी रैयतों या ग्राम के वास्तविक मूल भूस्वामियों ( खतियानी रैयतों, आदिवासियों – मूलनिवासियों जिन्हे भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ी जाति के रूप में सूचीवद्ध किया गया है ) के साथ स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना ( ईचा खरकई बांध परियोजना ) से उक्त ग्राम में आदिकाल से अस्थित्वयुक्त अधिकार रखने वालों पर प्रतिकूल प्रभावों, संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर पड़ने वाले प्रभावों, उक्त मौजा से विस्थापन के उपरांत ग्रामीणों के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय तथा धर्म उपासना, विश्वास की स्वतंत्रता संबंधी अधिकार, रोजगार एंव गरिमामयी जीवन जीने संबंधी अधिकारों पर पड़ने वाले कुप्रभावों के मद्देनजर ग्रामीणों को जान जागरण सह जनादोलन के माध्यम से जागरूक किया गया। तथा इन बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अभियान में मुख्य रूप से सुरेंद्र बुड़ीउली, हरीश चंद्र अल्डा, योगेश कालुंडिया,कृष्णा चंद्र बानरा,रविंद्र अल्डा, गुलिया कालुंडिया, बिरसा गोडसोरा, सुनील गगराई, लखींद्र महतो, टेकराम महतो, डोबरो देवगम,मानसिंह बानरा,प्रकाश सुंडी,सुरेश सुरीन,प्रमोद महतो,मनसा बोदरा,बालेमा सुंडी, दशमा करोवा, लालमती पड़ेया, जयश्री पड़ेया,सुकुरमुनी पूर्ती, जिन्गी बिरूली,सुदर्शन पूर्ती, बिलू बानरा,सुबानी पड़ेया, आंदोलकारी और खुटंकट्टी रैयतगण उपस्थित थे।

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