सीजीपीसी का बन रहा मजाक अलाप रहे है अपनी डफली अपना राग
मोदी और विद्युत वरण महतो के समर्थन में इंद्रजीत, पप्पू, काले, नरेन्द्रपाल
जमशेदपुर। कोल्हान के सिखों की धार्मिक मामलों को देखने वाली (सीजीपीसी) सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का लोकसभा चुनाव में जमकर मजाक उड़ रहा है।इसके महत्वपूर्ण पद पर काबिज पदधारी अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं।
प्रधान भगवान सिंह के साथ अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला महासचिव अमरजीत सिंह तथा टीनप्लेट, गोलपहाड़ी, सारजामदा, सुंदर नगर के प्रधान और सुर में सुर मिलाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी समीर मोहंती के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं।
वहीं सीजीपीसी के संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू पहले से नरेन्द्र मोदी नाम की माला जप रहे थे और अब दूसरे संरक्षक और प्रभावशाली व्यक्तित्व अमरप्रीत सिंह काले भी दल बल के साथ मोदी का प्रचार कर रहे हैं।
इतना ही नहीं शहर में सिख राजनीति के मजबूत स्तंभ तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह एवं संरक्षक गुरमीत सिंह तोते परिवार है। गुरमीत सिंह तोते टाटा मोटर्स यूनियन के अध्यक्ष है और यह कांग्रेस की संस्था इंटक से संबंधित है। इस परिवार की नजदीकियां केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से है और यह सार्वजानिक है।
सीजीपीसी के संरक्षक इंदरजीत सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सांसद विद्युत वरण महतो के नामांकन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाटशिला मऊभंडार में आयोजित चुनावी सभा में मंच को सुशोभित कर चुके हैं। उनके भाई और सीजीपीसी चेयरमैन गुरमीत सिंह तोते ने संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू के आवास पर भाजपा के समर्थन में हुए सिखों की बैठक में शामिल होकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे।
सीजीपीसी के वरीय उपाध्यक्ष एवं प्रभारी प्रधान रहे नरेंद्र पाल सिंह भाटिया ने बता दिया है कि जुगसलाई में उनका कोई जोड़ नहीं है। पूरी कमेटी और इलाके के लोग परंपरागत रूप से भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो के साथ है और बीजेपी के साथ रहेंगे। उनके अनुसार संरक्षक सरदार शैलेंद्र सिंह क्या कर रहे हैं, उनसे मतलब नहीं है परंतु कमेटी बीजेपी के साथ है। प्रधान महेंद्र सिंह भी बीजेपी के चुनाव प्रचार में नजर आए हैं।
बारीडीह के प्रधान कुलविंदर सिंह गुरदीप सिंह पप्पू के साथ दिख रहे हैं परंतु चुनावी प्रचार से पूरी तरह अलग है। उनका परिवार कम्युनिस्ट रहा है और वह खुद जनता पार्टी, जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे हैं। उनके अनुसार वे बीजेपी अथवा कांग्रेस को वोट देने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं लेकिन जो कुछ सीजीपीसी द्वारा हो रहा है पर उसके खिलाफ है।
सोनारी कमेटी के प्रधान तारा सिंह कम्युनिस्ट रहे हैं और वह गुरमुख सिंह मुखे कैंप में हैं। गुरमुख सिंह के साथ तरसेम सिंह, अमरजीत सिंह अंबे, हरविंदर सिंह मंटू, अजीत सिंह गंभीर, जगीर सिंह आदि झारखंड मुक्ति मोर्चा के पक्ष में काम कर रहे हैं। वही भगवान सिंह टीम में रहने के कारण भाजपा नेता गुरचरण सिंह बिल्ला समीर मोहंती की जीत के लिए पसीना बहा रहे हैं, वहीं उनके नजदीकी सुरिंदर सिंह शिंदे विद्युत वरण महतो के लिए ईमानदारी से कम कर रहे हैं।
प्रधान भगवान सिंह द्वारा समीर मोहंती को समर्थन देने का नतीजा है कि सतबीर सिंह सोमू, चंचल भाटिया, बलबीर सिंह बबलू के नेतृत्व में युवा सिखों की टीम बीजेपी के लिए काम कर रही है और उन्होंने रोड शो कर अपने इरादे भी जाहिर कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नजदीकी मनजीत सिंह गिल का झारखंड रंगरेटा दल पूरी तरह भाजपा के साथ खड़ा है और उनका दूसरा प्रतिद्वंदी गुट हरजिंदर सिंह रिंकू भी बीजेपी के लिए वोट मांग रहा है।
हाल ही में एक राजनीति के तहत सीजीपीसी के सलाहकार बनाए गए गुरुदेव सिंह राजा फिलहाल मैदान में नहीं दिख रहे हैं और पूरी संभावना है कि बच्चे मैदान में बीजेपी के लिए उतरेंगे। साकची कमेटी के प्रधान निशान सिंह ने साफ कर दिया है कि वह किसी के लिए वोट नहीं मानेंगे। वोट देना मौलिक अधिकार है और यह गुप्त रहना चाहिए। गुरु घर में जो भी मनोकामना लेकर आएगा वह उसका खैर मकदम करेंगे।