सीएलएस का क्रिकेट महासंग्राम कल से, लगेगा सिख खिलाड़ियों का जमावड़ा
तीन दिवसीय प्रतियोगिता में ले रहीं हैं 12 टीमें हिस्सा
जमशेदपुर। बिष्टुपुर स्थित आर्मरी मैदान में सिखों की प्रतियोगिता क्रिकेट लीग फॉर सिख (सीएलएस) का आगाज गुरुवार, 25 अप्रैल से होने जा रहा है। इसको लेकर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के स्पोर्ट्स विंग ने सारी तैयारियां पूरी कर लीं है।
तीन-दिवसीय 25 से 27 अप्रैल तक चलने वाले क्रिकेट लीग फॉर सिख (सीएलएस) का आयोजन बिस्टुपुर स्थित आर्मरी मैदान में किया जा रहा है जहाँ 12 टीमें ख़िताब जीतने के उद्देश्य और प्रण के साथ प्रतियोगिता में गेंद और बल्ले के साथ आपस में भिड़ेंगी। जमशेदपुर की रॉयल सिख-गोलमुरी, सुपर किंग्स एकादश-टिनप्लेट, सोनारी सुपर सिंहस-सोनारी, जमशेदपुर वाररियर्स-कदमा, दसमेश प्रकाश- बिरसानगर, साकची सुपर सिंहस-साकची, बीर खालसा-जुगसलाई, हवारा एकादश-मानगो, यंग खालसा-नीलडीह, केसरी जोधे-राउरकेला, गबरू-मानगो और खालसा एकादश-जुगसलाई की टीमें ख़िताब जीतने के लिए जोर लगायेंगी। पुरे प्रतियोगिता में देवराज सरकार और डांसिंग अंपायर ताइबू अंपायरिंग की भूमिका निभाएंगे। पहला मैच रॉयल सिख-गोलमुरी और सुपर किंग्स एकादश-टिनप्लेट के बीच सुबह साढ़े सात बजे से खेला जायेगा।
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह ने स्पोर्ट्स विंग के अन्य सदस्य अमरजीत सिंह, सुखवंत सिंह सुखु, सुखदेव सिंह बिट्टू और परमजीत सिंह रोशन को शुभकामनायें देते हुए कहा है कि युवाओं को धर्म, संस्कृति और इतिहास से जोड़े रखने का खेल ही सबसे अच्छा माध्यम है।
आयोजन समिति के निदेशक सरदार भगवान सिंह बताया कि विजेता टीम को चैंपियनशिप ट्रॉफी सहित 7000 व उपविजेता टीम को 3000 रुपए नकद पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। टूर्नामेंट के तकनिकी निदेशक बलजीत संसोआ ने बताया कि 12 टीमों को ही स्थान पहले आओ, पहले पाओ नियम के आधार पर दिया गया है हालांकि अभी और टीमों ने भी प्रविष्टि लेने की इच्छा जतायी थी। सुखवंत सिंह सुखु बताया कि यह क्रिकेट लीग सिखों के पर्व होला-महल्ला को समर्पित किया गया है। इस वर्ष तैयारी में थोड़ा सा वक़्त लग गया है परन्तु अगले वर्ष इस प्रतियोगिता को होला-महल्ला पर्व के साथ आयोजित किया जायेगा।
अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला और परमजीत सिंह सिंह रोशन का कहना है कि इस लीग में भाग लेने के लिए टीम के सभी खिलाड़ीयों का सिख होना आवश्यक है, गैर-सिख और केश क़त्ल किये हुए सिख भी इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकते हैं।