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जमशेदपुर गोपाल मैदान में सेमलेद, दिखी संस्कृति की झलक

पहली बार आदिवासी युवा संगठन के नेतृत्व में आयोजित हुआ बाहा बोंगा


जमशेदपुर : आदिवासी युवा संगठन के नेतृत्व में पहली बार बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में सेमलेद का आयोजन किया गया। संताली शब्द सेमलेद का हिंदी अर्थ है सम्मेलन। इस समारोह में बाहा बोंगा का सामूहिक आयोजन पहली बार हुआ। इसमें चाईबासा, जमशेदपुर, घाटशिला, पोटका के संताली व हो समाज के लोग पूरे परिवार के साथ शामिल हुए। मैदान के बीच में पूजा स्थल स्थापित किया गया। यहां आराध्य देव की पूजा अर्चना के बाद लोगों ने सखुआ के फुल कानों में लगाएं और इसके बाद धमसा और मांदल की थापा पर सरहुल पर्व का आनंद लिया। बाहा बोंगा में सामूहिक नृत्य मानो आदिवासी कला, संस्कृति की झलक दिखलाई पड़ रहे हैं। सभी पारंपरिक वस्त्र धारण किए थे। छोटे-छोट बच्चे भी इस संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनें।
नृत्य का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद संताली व हो भाषा में वीडियो एल्बम बनाने वाले कलाकारों ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रूप से आदिवासी युवा संगठन के मुख्य संरक्षक बबलू सोरेन, अध्यक्ष हरिराम टुडू, सचिव अरुण मुर्मू, उपाध्यक्ष बुध राम बेसरा सहित संगठन के सभी सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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