डाक्टरों ने कैंसर से बचाव हेतु जागरूकता फैलाने की जरूरत पर दिया जोर
वर्ल्ड कैंसर डे पर बीएनएमएच में परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित
जमशेदपुर। वर्ल्ड कैंसर डे के अवसर पर शनिवार को ब्रह्मानंद नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, तामोलिया जमशेदपुर (बीएनएमएच) में आयोजित हुए एक परिचर्चा कार्यक्रम में कैंसर सर्जन डॉ आशीष कुमार एवं कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार ने आम जनता से अपील की है कि कैंसर की शुरुआती लक्षणों को देखते हुए सबसे पहले हमें किसी नजदीकी विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। कैंसर से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत पर बल इेते हुए उन्होंने कहा कि हम जितना ज्यादा लोगों को जागरूक करेंगे उतना ज्यादा इस बीमारी से लड़ सकेंगें। डॉ आशीष कुमार ने बताया कि कैंसर एक बेहद खतरनाक बीमारी है इसमें जरा भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। इन दिनों हमारी बिगड़ी लाइफ स्टाइल और खान-पान के प्रति लापरवाही हमें कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना रही है। कैंसर इन्हीं में से एक है, जिसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। लेकिन वक्त रहते इसका इलाज हो जाए तो इससे बचा भी जा सकता है। उन्होंने समय के साथ कैंसर उपचार में महत्वपूर्ण प्रगतियां एवं तकनीकी के बारे में बताया कि विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई थैरेपीज और उपचार उपलब्ध है, जो कि रोग को शक्तिशाली तरीके से नष्ट करने में मदद कर सकते हैं।
डॉ अमित कुमार ने कैंसर रोग के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि यदि किसी स्त्री या पुरुष में वजन तेजी से कम होना , शरीर में गांठ होना , दांत का अपने आप गिर जाना, बिना किसी कारण के डिस्चार्ज या ब्लीडिंग होना, तीन सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार होना, इत्यादि जैसे स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आती हो तो उसे अनदेखा न करके शीघ्र जांच एवं इलाज के लिए नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ।
डॉ अमित कुमार ने बताया कि कैंसर के शुरुआती अवस्था में अगर हम उसे पकड़ पाते हैं तो उसका पूर्ण रूप से इलाज संभव हो सकता है। परंतु उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि जागरूकता एवं जानकारी के अभाव में ज्यादातर मरीज कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं और तीसरे या चौथी स्टेज पर जब शरीर में परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। तब हॉस्पिटल या डॉक्टर के पास इलाज के लिए आते हैं वैसे समय में डॉक्टर के लिए कैंसर का इलाज करना एक चुनौती पूर्ण मामला हो जाता है।