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सांसद विद्युत वरण महतो ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर सवर्णरेखा का परियोजना से संबंधित वार्तालाप किया


जमशेदपुर। सांसद बिद्युत बरण महतो ने आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात किया एवं सुवर्णरेखा परियोजना के अन्तर्गत मुराकाटी वितरणी के निर्माण से सम्बन्धित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने एवं टनल के तीन एकरारनामों को पुर्नजीवित करने के सम्बन्ध में संबंध में मांग की।
सांसद श्री महतो ने कहा कि विगत चार वर्षों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत सुवर्णरेखा परियोजना में सिंचाई क्षमता में कोई सृजन नहीं हुआ है। पूर्वी सिंहभूम जिले के सबसे गरीब एवं उपेक्षित मुसाबनी, जादूगोड़ा, डुमरी प्रखण्ड के आदिवासी एवं अन्य गरीब किसानों को मुराकाटी शाखा नहर से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सितम्बर‘ 2019 में केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली द्वारा सुवर्णरेखा परियोजनाओं को 14959.744 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसमें मुराकाटी शाखा नहर का निर्माण का प्रस्ताव सम्मिलित है। जल संसाधन विभाग, राँची के पत्रांक 1/PMC/ कार्य -996/2017-46/20-21 दिनांक 19.03.2021 द्वारा परियोजना को 12,849.46 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।
मुराकाटी शाखा नहर के निर्माण कार्य को सुसुप्तावस्था में रखा गया। जल संसाधन विभाग ने सुसुप्तावस्था में रखे जाने का किसी कारण का उल्लेख नहीं किया है।
दिनांक 11.01.2020 को मुराकाटी शाखा नहर के 3 अदद् टनल के निर्माण से सम्बन्धित एकरारनामा किया गया था जिसे साढ़े तीन वर्षों का समय बीत जाने के उपरान्त जल संसाधन विभाग, राँची द्वारा रद्द कर दिया गया है। मुराकाटी शाखा नहर से 10000.00 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
विगत चार वर्षों में जल शक्ति मंत्रालय, नई दिल्ली तथा जल संसाधन विभाग, राँची द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में राँची से विभागीय सचिव सम्मिलित नहीं होते हैं।
सांसद श्री महतो ने कहा मुराकाटी शाखा नहर के निर्माण कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कराने हेतु राज्य सरकार को चार वर्षों से अनुरोध किया है लेकिन जानबूझ कर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण मेरे निर्वाचन क्षेत्र के सबसे गरीब आदिवासी एवं अन्य किसान उत्पीड़ित एवं उपेक्षित हुए।
सांसद श्री महतो ने कहा कि इन तथ्यों के आलोक में मुराकाटी शाखा नहर के Tunnel के तीनों एकरारनामों को पुर्नजीवित करने हेतु मुख्य सचिव, झारखण्ड को समुचित दिशा निर्देश देना समुचित होगा।

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