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विवाहिता को जलाकर मारने वाले पति समेत चार को आजीवन कारावास 

राजेश कुमार झा

गाजियाबाद। विवाहिता को जलाकर मारने के मामले में पति शहजाद, फुफिया सास रहीसन, देवर नौशाद और सास नसीम उर्फ कलाकारनी को अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साक्ष्य के अभाव में चचिया सास अख्तर को बरी कर दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नेत्रपाल सिंह ने प्रत्येक दोषी पर 9-9 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्याम सिंह नागर ने बताया कि कुशलिया में रहने वाले सलीम ने अपनी बहन यासमीन की शादी 11 जुलाई 2010 को लोनी थाना क्षेत्र के चिरोड़ी निवासी शहजाद के साथ की थी। शादी में 2.50 लाख रुपये से अधिक की धनराशि सलीम ने खर्च की थी। यासमीन की शादी में मिले दहेज से शहजाद और उसका परिवार खुश नहीं था। वह दहेज में एक लाख रुपये और बाइक की मांग कर रहे थे। यासमीन को शहजाद व उसके परिवार वाले दहेज के लिए आए दिन मारते पीटते थे। शहजाद ने पांच नवंबर 2016 को यासमीन पर तेल डाल कर आग लगा दी। घटना की सूचना यासमीन के पड़ोसियों ने सलीम को दी। यासमीन को जीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सलीम ने छह नवंबर को लोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। मामले की अंतिम सुनवाई सोमवार को अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान 11 गवाह, साक्ष्य के तौर पर मिट्टी के तेल की केन व जले हुए कपड़े अदालत में पेश किए गए।

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