सोनारी दोमुहानी के पास स्वर्णरेखा किनारे कचरा डंपिंग करने और उसे जलाने से हो रहे प्रदूषण के विरूद्ध के एस उपाध्याय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में मुक़दमा दर्ज किया है
जमशेदपुर । सोनारी दोमुहानी के पास स्वर्णरेखा किनारे कचरा डंपिंग करने और उसे जलाने से हो रहे प्रदूषण के विरूद्ध वहाँ के एक वरिष्ठ नागरिक के एस उपाध्याय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल में मुक़दमा दर्ज किया है और कहा है कि केन्द्र/राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर अक्षेस और टाटा युटिलीटीज एंड इंफ़्रास्ट्रक्चर कंपनी पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों का उल्लंघन कर नागरिकों का जीवन ख़तरा में डाल रहे हे हैं. मैं इस नागरिक पहल का स्वागत करता हूँ और याचिकाकर्ता को जनहित एवं जनस्वास्थ्य के संरक्षण के कार्य के लिए बधाई देता हूँ.
सोनारी दोमुहानी पर कचरा जलाने से हो रहा प्रदूषण लंबे समय से भीषण जनसमस्स्या बना हुआ है. जब प्रशासन और सरकार जनहित की अनदेखी करने लगते हैं और अपने दायित्व का पालन जानबूझकर नहीं करते हैं तो इसके ख़िलाफ़ जन पहल ही एकमात्र उपाय बचता है. जमशेदपुर में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां प्रशासन, पुलिस और नगरपालिका अपना दायित्व नहीं निभा रहे हैं, क़ानून के प्रावधानों का पालन नहीं कर रहे हैं, कतिपय मामलों में तो सरकार के आदेश का भी अनुपालन नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जन पहल ही एकमात्र उपाय है. क़ानून का राज के विरूद्ध प्रशासनिक आचरण के विरूद्ध यही विकल्प रह जाता है कि जनता या तो न्यायालय का सहारा ले या सड़कों पर उतर कर शांतिपूर्ण प्रतिरोध करे.
याचिकाकर्ता ने इस मामले में क़ानून का पालन कराने और क़ानून का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कारवाई करने की प्रार्थना न्यायालय से किया है.
याचिका की प्रति संलग्न है. याचिका बहस के उपरांत एनजीटी ने स्वीकार कर लिया है. कल प्रतिवादियों के विरूद्ध नोटिस जारी होने की संभावना है. याचिकाकर्ता की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री संजय उपाध्याय एवं सहयोगियों ने मुक़दमा दा